हिसार

तकनीकों को किसानों तक पहुंचाने में विस्तार विशेषज्ञों का अहम योगदान : प्रो. बीआर कम्बोज

हिसार,
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने कहा है कि वैज्ञानिकों द्वारा किया गया अनुसंधान कार्य तभी सफल होगा जब उसे धरातल तक पहुंचाया जाए। इसके लिए वैज्ञानिकों को प्रभावशाली विस्तार प्रणाली अपनानी होगी ताकि उनके द्वारा विकसित कृषि तकनीकों का किसान अधिक से अधिक लाभ उठा सकें।
कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज बुधवार को विश्वविद्यालय के मानव संसाधन प्रबंध निदेशालय की ओर से विस्तार प्रबंधन विषय पर आयोजित किए गए तीन सप्ताह अवधि के रिफ्रेशर कोर्स के उद्घाटन अवसर कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कुलपति ने कहा वर्तमान समय में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बहुत विकास हुआ है। इस प्रौद्योगिकी का किसानों के लिए लाभकारी अनुसंधानों को उन तक पहुंचाने में बेहतर उपयोग किया जा सकता है। वैज्ञानिकों और विस्तार विशेषज्ञों को सूचना प्रौद्योगिकी का ज्ञान हासिल कर इस प्रौद्योगिकी को ज्यादा से ज्यादा प्रयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने रिफ्रेशर कोर्स को प्रभावकारी बनाने के लिए इस दौरान आयोजित होने वाले विभिन्न सत्रों को अंत: संवाद एवं अंत: क्रिया सत्र बनाए जाने पर बल दिया। इसके साथ उन्होंने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को रोजगार के बेहतर अवसर मुहैया करवाने के लिए विशेष सर्टिफिकेट व डिप्लोमा कोर्स तैयार किए जाने की आवश्यकता जताई। उन्होंने प्रतिभागियों से आह्वान किया वे इस कोर्स के दौरान प्राप्त किए ज्ञान व कौशल को व्यवहारिता में लाएं ताकि इसका लाभ किसानों को मिल सके। इस मौके पर कुलपति ने मानव संसाधन प्रबंध निदेशालय की ओर से प्रकाशित ‘कम्युनिटी रिपोर्ट ऑन पोटेटो’ नामक पुस्तिका का विमोचन किया।
मानव संसाधन प्रबंध निदेशालय की निदेशक डॉ. मंजू महता ने कहा कि इस रिफ्रेसर कोर्स का आयोजन शिक्षक, वैज्ञानिक व विस्तार विशेषज्ञों के लिए किया गया है ताकि विस्तार प्रबंधन के लिए उनकी क्षमता, ज्ञान व कौशल संवर्धन किया जा सके। इस कोर्स के माध्यम से प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण के लिए नवीनतम पाठ्यक्रम ज्ञान, शिक्षण सामग्री, चयनित विस्तार विधियों के उपयोग के बारे में जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया इस कोर्स में कुल 29 वैज्ञानिक, प्राध्यापक व विस्तार विशेषज्ञ हिस्सा ले रहे हैं। कोर्स के दौरान एचएयू, विस्तार शिक्षा संस्थान नीलोखेड़ी, मैनेज हैदराबाद आदि संस्थानों से विशेषज्ञ व्याख्यान देंगे। इस अवसर पर उपरोक्त रिफे्रशर कोर्स की निदेशक डॉ. मंजू महता ने कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में बताया और पाठ्यक्रम संयोजिक डॉ. जयंती टोकस ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस मौके पर कोर्स के सह संयोजक डॉ. जितेन्द्र भाटिया भी मौजूद रहे। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सभी महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, निदेशक, अधिकारी एवं अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।

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