धर्म

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परमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—65

Jeewan Aadhar Editor Desk
धर्म प्रेमी सज्जनों! यह संसार समुद्र है अपने जीवन का मन्थन करो। मन को मंदराचल पर्वत बनाओ और प्रेम की डोर से उसको मथो तो...
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सत्यार्थप्रकाश के अंश—02

Jeewan Aadhar Editor Desk
जिन पुरूषों का मन विद्या के विलास में तत्पर रहता, सुन्दर शील स्वभाव युक्त, सत्यभाषणादि नियम पालनयुक्त और अभिमान अपवित्रता से रहित, अन्य की मलीनता...
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परमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—64

Jeewan Aadhar Editor Desk
मनुष्य जितने भी पाप करता है उसके मूल में उसका अंह ही पलता है। अभिमान में आदमी अन्धा हो जाता है और न करने के...
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परमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—63

Jeewan Aadhar Editor Desk
परमात्मा के विरोधी, नास्तिक, पापी , इनके साथ कभी मत रहो,नहीं तो सूर्य चन्द्रमा के समान दाग भी लग सकता हैं। अच्छे कार्य करनेवाले देवता...