नई दिल्ली
भारत-पाकिस्तान के बीच विवाद का सबसे बड़ा कारण कश्मीर रहा है। इस विवाद को लेकर भाजपा सदा से कांग्रेस को घेरती रही है। लेकिन अब पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता भाजपा के पास है। और कश्मीर में तनाव ज्यादा उफान पर है। ऐसे में भाजपा अब विपक्षी पार्टियों के निशाने पर है, साथ ही देश की जनता में भी भाजपा की किरकिरी होनी शुरू हो गई है। वक्त को पहले ही भांपने का मादा रखने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर को लेकर ठोस कदम उठाने की तैयारी कर ली है। इसके संकेत भी उनके करीबी लोगों से मिलने शुरू हो गए है। कुछ ऐसे ही संकेतों अब आने भी शुरू हो गए है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कश्मीर समस्या को हल करने का दावा किया है। उन्होंने कहा है कि मोदी सरकार कश्मीर समस्या का स्थायी समाधान निकालेगी और इसके लिए उनका प्लान तैयार है। आर्मी चीफ बिपिन रावत ने पहली बार सीधेतौर पर कश्मीर में पत्थरबाजी करने वालों पर अटैक किया है। उन्होंने एक इंटरव्यू में पत्थरबाजों को सीधे चुनौती देते हुए कहा कि वो पत्थर की जगह हथियार चलाएं, ताकि मैं जो करना चाहूं वो कर सकूं। साथ ही उन्होंने कहा कि जब पत्थर और बम फेंके जाएंगे तो मैं अपने जवानों से केवल इंतजार करने और मरने के लिए नहीं कह सकता। आर्मी चीफ ने पत्थरबाजों से निपटने के लिए मानव ढाल बनाने के कदम को भी सही ठहराया।
कश्मीर में पत्थरबाजों से निपटने के लिए एक युवक को जीप से बांधकर ढाल की तरह इस्तेमाल करने वाले मेजर लितुल गोगोई का सेना ने सम्मान किया। सेना ने अपने इस कदम से न सिर्फ पत्थरबाजों के इरादों को पस्त करने की दिशा में एक कदम उठाया बल्कि जवानों का भी हौसला बढ़ाया।
गोगोई के अलावा कश्मीर निवासी लेफ्टिनेंट उमर फयाज की शहादत के बाद घाटी के नौजवानों को सकारात्मक संदेश देने की कोशिश की गई। सेना ने घाटी में एक स्कूल का नाम बदलकर शहीद लेफ्टिनेंट उमर फयाज के नाम पर रखा, साथ ही उनके परिवार को 75 लाख रुपये का चेक दिया गया।
पिछले साल जून में सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने ज्वाइंट ऑपरेशन में हिजबुल मुजाहिदीन के पोस्टर ब्वॉय और टॉप कमांडर बुरहान वानी को ढेर किया। जिसके बाद घाटी में तनाव की स्थिति पैदा हो गई और पत्थरबाजी की घटनाओं में तेजी आ गई। वानी के बाद अब 27 मई त्राल में हिजबुल मुजाहिदीन के टॉप कमांडर सब्जार अहमद भट को भी सेना ने मार गिराया। सब्जार बुरहान वानी के बचपन का दोस्त था और उसे बुरहान के उत्तराधिकारी के रूप में पेश किया जाता था।
मोदी सरकार ने पाकिस्तान के साथ ‘आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते’ की नीति को अपनाया। कश्मीर मसले पर भारत पाकिस्तान से बातचीत के न्यौते भी ठुकरा चुका है। सीमापार से नापाक हरकतों का भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया है। 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद अब भारतीय सेना ने एलओसी के पास पाकिस्तानी बंकरों को ध्वस्त कर दिया। इन बंकरों के जरिए पाकिस्तानी आर्मी आतंकवादियों को कवर देती है। भारत ने इस अटैक का वीडियो भी जारी किया, जिससे पाकिस्तान के साथ सख्ती से निपटने के संकेत दिए। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कश्मीर में हिंसा और पत्थरबाजी की घटनाओं को रोकने के लिए वो अलगाववादियों के साथ कोई बातचीत नहीं करेगी। केंद्र सरकार ने कहा कि वो मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों से बातचीत करने के लिए तैयार है। हाल ही में देश के बड़े न्यूज चैनल आजतक ने ‘ऑपरेशन हुर्रियत’ के नाम से एक स्टिंग ऑपरेशन किया था। इस ऑपरेशन में हुर्रियत के नेता नईम खान कैमरे पर पत्थरबाजों को पाकिस्तान से फंडिंग की बात कबूलते हुए नजर आए थे। जिसके बाद उनके खिलाफ केस भी दर्ज किया गया। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने समन जारी कर नईम खान को दिल्ली बुलाया है।
पाकिस्तान और अलगाववादी नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई के साथ ही मोदी सरकार कश्मीर में रोजगार को बढ़ावा देकर वहां के हालात पर काबू करने की योजना पर काम करती दिख रही है। हाल ही में पीएम मोदी ने जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर देश की सबसे लंबी टनल का उद्घाटन किया। इसके अलावा चिनाब नदी पर दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल बनाया जा रहा है। इसकी ऊंचाई एफिल टावर से करीब 35 मीटर अधिक होगी। साल 2019 तक इसके तैयार हो जाने की उम्मीद है। इस टनल और पुल की मदद से सैलानियों का कश्मीर जाना बेहद आसान हो जाएगा।
कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाओं को नौजवान अंजाम देते हैं। हाल ही में वहां के स्कूली छात्र भी पत्थरबाजी करते हुए नजर आए। ऐसे में सरकार उन्हें रोजगार देकर मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश कर रही है। इसका रिजल्ट भी कश्मीर में देखने को मिला। हाल ही में वहां हुई सुरक्षाकर्मियों व पुलिस की भर्ती में बड़ी संख्या में नौजवानों ने हिस्सा लिया।