हरियाणा

लुवास को मिला राष्ट्रीय कामधेनु अवार्ड

हिसार
लुवास के पशु अनुवांशिक एवं प्रजनन विभाग को हरियाणा तथा साहीवाल गाय के नस्ल सुधार में दिए गए उत्कृष्ट योगदान के लिए भारत सरकार के पशुपालन डेयरी एवं मत्स्य पालन विभाग द्वारा राष्ट्रीय कामधेनु पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया है। केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह एक जून को विश्व दुग्ध दिवस पर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों को सम्मानित करेंगे। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गुरदयाल सिंह ने विभाग की इस उपलब्धि पर वैज्ञानिकों को बधाई व शाबासी दी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सन 2014 में देसी नस्ल के पशुओं की गुणवत्ता सुधार पर जोर देने के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत भारतीय नस्ल की देसी गाय की दुग्ध उत्पादन क्षमता को बढ़ावा देने के लिए गोपाल रत्न तथा कामधेनु अवार्ड की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री की इसी मुहिम को आगे बढ़ाते हुए लुवास के पशु अनुवांशिक एवं प्रजनन विभाग ने हरियाणा तथा साहीवाल नस्ल की गायों की नस्ल सुधारने की दिशा में विशेष उपलब्धि हासिल की। नस्ल सुधार के लिए विभाग के उत्कृष्ट योगदान के लिए इसे राष्ट्रीय कामधेनु अवार्ड श्रेणी में द्वितीय पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। इसके तहत पशु अनुवांशिक एवं प्रजनन विभाग को तीन लाख रुपये का चेक तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा।
लुवास के कुलपति डॉ. गुरदयाल सिंह ने विभागाध्यक्ष डॉ. अभय सिंह यादव तथा उनकी पूरी टीम को बधाई देते हुए राष्ट्रीय कामधेनु पुरस्कार विभाग के अनुसंधान कार्यों को भविष्य में ओर अधिक तेजी से चलाने की बात कही। उन्होंने उम्मीद जताई कि विभाग आने वाले समय में अनुसंधान के नए कीर्तिमान स्थापित कर प्रदेश का नाम रोशन करेगा।
विभाग के अध्यक्ष डॉ. अभय सिंह यादव ने बताया कि उक्त पुरस्कार के लिए राष्ट्रीय स्तर की टीम ने विश्वविद्यालय के पशुधन फार्म का दौरा करते हुए विभाग व विश्वविद्यालय को विभिन्न पहलुओं व मानकों पर परखा। इसके तहत टीम द्वारा विभाग के सभी जानवरों को टेगिंग द्वारा प्रजनन संबंधी तैयार रिकार्ड, खुली, हवादार व साफ सुथरी पशुशालाएं, विभिन्न श्रेणी के पशुओं के लिए समुचित व संतुलित आहार तथा स्वच्छ दुग्ध उत्पादन को विषेष रूप से सराहा गया है। इसके अतिरिक्त विभाग द्वारा पशुओं के लिए उपलब्ध चिकित्सा सेवाओं का भी उत्कृष्ट योगदान रहा है। गोधन अनुभाग के प्रभारी डॉ. सुरेन्द्र सिंह ढाका ने इसका श्रेय अनुभाग की पूरी टीम को दिया। इस अनुभाग को डॉ. ढाका के अतिरिक्त डॉ. जिले सिंह मलिक तथा डॉ. चन्द्रशेखर पाटिल देख रहे हैं। मालूम हो कि डॉ. बीएल पांडर का भी हरियाणा तथा साहीवाल नस्ल सुधार कार्यक्रम में विशेष योगदान रहा है। इस मौके पर अनुंसधान निदेशक डॉ. रविन्द्र शर्मा तथा पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. सुरेन्द्र कुमार गुप्ता ने भी पशु अनुवांशिक एवं प्रजनन विभाग की टीम को शुभकामनाएं दीं।

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