हिसार

रोडवेज के लिए निराशाजनक रहा स्वर्ण जयंती वर्ष : किरमारा

हिसार,
हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष दलबीर किरमारा ने कहा है कि हरियाणा सरकार का स्वर्ण जयंती वर्ष परिवहन विभाग के लिए निराशाजनक रहा है। उन्होंने कहा कि स्वर्ण जयंती कार्यक्रम के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद विभाग को कोई फायदा नहीं हुआ, ऐसे में बेहतर होता स्वर्ण जयंती वर्ष में हर डिपो में 10-10 बसें छात्र वर्ग के लिए शामिल की जाती। उन्होंने छात्र वर्ग व रोडवेज कर्मचारियों के मध्य आये दिन होने वाले झगड़ों पर चिंता व्यक्त करते हुए दोनों पक्षों से संयम से काम लेने की अपील की है।
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एक बयान में दलबीर किरमारा ने कहा कि राज्य सरकार ने हाल ही में स्वर्ण जयंती समारोह का समापन किया है, जिस पर करोड़ों रुपये खर्च करने का दावा किया जा रहा है लेकिन इन करोड़ों रुपयों में से किसको क्या मिला, यह विचारणीय है। बेहतर होता सरकार स्वर्ण जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में खर्च की गई राशि को गांवों की गलियां व शहरों की सड़कें बनाने पर खर्च करने, जरूरतमंदों को बिजली व पानी पहुंचाने का प्रयास करती, विभिन्न विभागों के कच्चे कर्मचारियों को पक्का करती, इसी वर्ष के उपलक्ष्य में खाली पदों पर नई भर्तियां शुरू करती और किसान वर्ग के लिए अहम घोषणा करती ताकि लगातार घाटे में जा रहे किसानों को उबारा जा सके। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग के लिए स्वर्ण जयंती वर्ष निराशाजनक रहा है। इस वर्ष में सरकार ने विभाग की यूनियनों से अनेक बार बातचीत की और सहमति भी हुई लेकिन सहमत हुई मांगों को पूरा नहीं किया गया, सहकारी समिति की बसों को रोडवेज बसों के आगे-आगे चलाकर परिवहन विभाग को बर्बादी की तरफ धकेला गया और रोडवेज कर्मचारियों का बकाया बोनस व ओवरटाइम भी नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि परिवहन बेड़े में बसों की भारी कमी है, जिससे जनता व छात्र वर्ग को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार स्वर्ण जयंती वर्ष में हर डिपो में 10-10 बजे शामिल करती और उन पर स्वर्ण जयंती वर्ष अंकित करवाती तो यह प्रचार-प्रसार लंबे समय तक रहता लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इतनी बसें शामिल करने से छात्र वर्ग को काफी राहत मिल सकती थी लेकिन शिक्षा को बढ़ावा देने के अनेक दावों के बावजूद सरकार इस बात पर विचार नहीं कर रही कि बसों की कमी का छात्र वर्ग की पढ़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
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दलबीर किरमारा ने बसों की कमी के चलते रोडवेज के चालकों-परिचालकों व छात्र वर्ग के बीच आये दिन होने वाले झगड़ों पर चिंता जताई और कहा कि दोनों पक्षों को संयम से काम लेना चाहिये। उन्होंने छात्र वर्ग से अपील की कि वे बसों की कमी के लिए चालकों-परिचालकों को जिम्मेवार न समझें क्योंकि जो उपलब्ध बसें है, उनको तो चालक-परिचालक चला रहे हैं लेकिन बसों की कमी के लिए सरकार की टरकाऊ नीतियां जिम्मेवार है। ऐसे में छात्र वर्ग को चाहिये कि वह परिवहन बेड़े में बसों की संख्या बढ़ाने के लिए रोडवेज कर्मचारियों द्वारा किये जा रहे आंदोलन का साथ दें और यह समझ लें कि रोडवेज का आंदोलन केवल रोडवेज कर्मचारियों का ही नहीं बल्कि हर वर्ग से जुड़ा हुआ है। उन्होंने रोडवेज कर्मचारियों से भी अपील की कि वे छात्र वर्ग की परेशानी को समझे और उनसे झगड़ा करने की बजाय उन्हें गंतव्य तक पहुंचाने में सहयोग करें ताकि उनकी पढ़ाई बाधित न हो। रोडवेज नेता ने छात्र वर्ग से यह भी अपील की कि वे बसों की कमी सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए उनसे संपर्क करें ताकि मुद्दों पर एकजुट होकर संघर्ष किया जा सके।
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Jeewan Aadhar Editor Desk

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