श्रीनगर
सबजार भट्ट की मौत के बाद हिज्बुल मुजाहिद्दीन में फूट आ गई है। ज़ाकिर मूसा के गुट ने सीधे चेतावनी दे दी है कि जो भी ज़ाकिर मूसा का विरोध करेगा उसका हाल सबजार भट्ट जैसा होगा। बताया जा रहा है कि कई लोकल आतंकवादी रियाज नायकू को अपना लीडर मानने को तैयार नहीं हैं। यही कारण है कि मूसा गुट ने साफ कर दिया है कि मूसा का विरोध करने वालों का सबजार जैसा हश्र होगा।
हिज्बुल मुजाहिद्दीन के कमांडर सबजार भट्ट की मौत के बाद नेतृत्व को लेकर हिज्बुल मुजाहिद्दीन के बीच आपसी रंजिश-सी नजर आ रही है। ज़ाकिर मूसा और हिज्बुल मुजाहिद्दीन के नेतृत्व के बीच तैनाव चल रहा है। सबजार भट्ट के साथ मुठभेड़ के दौरान भारतीय खुफिया एंजसियों ने इन बातों को नोटिस किया, जिससे यह साफ है कि मुजाहिद्दीन आपसी रंजिश की आग में जल रहा है। सबजार भट्ट के एनकाउंटर के बाद से ही हिज्बुल मुजाहिद्दीन में ऐसी बातें चल रही हैं कि क्या जाकिर मूसा ने सबजार भट्ट को धोखा दिया है।
हिज्बुल के आतंकियों को शक है कि जाकिर मूसा के किसी करीबी के पर्सनल मैसेंजर से ही सबजार की लोकेशन का जम्मू-कश्मीर पुलिस को पता लगा था, जिससे एनकाउंटर में पुलिस को मदद मिली। हालांकि अभी किसी भी एजेंसी की ओर से इस बात की पुष्टि नहीं की गई है।
हाल ही में जारी किया था ऑडियो हाल ही में ज़ाकिर मूसा की ओर से एक ऑडियो क्लिप भेजा गया था जिसमें कहा गया है कि कश्मीर में चल रहा ‘आंदोलन’ इस्लामिक है न कि राजनीतिक। इस ऑडियो क्लिप से सवाल उठने लगे हैं कि क्या हुर्रियत कश्मीर में अब अपनी प्रासंगिकता खो चुका है क्योंकि आतंकियों ने उनकी राजनीति को नकार दिया है। बुरहान बानी की जगह हिज्बुल के कमांडर बने जाकिर मूसा ने हुर्रियत नेताओं से साफ-साफ कहा है कि वो उनकी कुर्बानी पर राजनीति न करें।
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