फतेहाबाद (साहिल रुखाया)
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केंद्र सरकार ने धान की पराली समस्या को खत्म करने के लिए पराली खरीदने का ऐलान किया है। लेकिन इस फैसले को लेकर किसान ज्यादा खुश नजर नही आ रहे है। किसानों का कहना है कि सरकार ने यह फैंसला काफी लेट लिया है। 95 फीसदी किसानों ने पराली को आग लगा दी। अब सांप निकलने पर लीक पीटने का काम सरकार कर रही है। नौकरी करना चाहते है, तो यहां क्लिक करे।
किसान रमेश बजाज का कहना है कि अगर सरकार इस फैसले को अगले साल तक जारी रखती है तो इससे किसानों को लाभ हो सकता है। इस समय तो अधिकतर किसान अपने खेत गेहुं के लिए तैयार कर चुके है। वहीं किसान अवतार सिंह का कहना है पराली खरीद की घोषणा अच्छी है। इससे किसानों को काफी फायदा भी होगा, लेकिन सरकार ने घोषणा करने में देरी कर दी। साथ ही सरकार ने पराली को गांठ के रुप में मांगी है। फतेहाबाद जिले में गांठ बनाने वाली मशीने ही गिनती है—ऐसे में किसान गांठ बनाने में कैसे सफल हो पायेंगे। वहीं राकेश कुमार का कहना है ये केवल वोटों की राजनीति है। अब खेत में पराली नहीं रही तो पराली के रेट रख दिए। ये केवल छल है किसानों के साथ। स्कूली प्रतियोगिता.. प्ले ग्रुप से दसवीं तक विद्यार्थी और स्कूल दोनों जीतेंगे सैंकड़ों उपहार.. अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करे
किसानों का कहना है कि सरकार केवल वोट पक्के करने में लगी है, उसकी नीयत साफ नहीं है। अगर सरकार ये फैंसला दो महीने पहले लेेती तो किसानों को लाभ पहुंचता। साथ ही किसानों ने कहा कि अगर ये फैसला अगले साल जारी रहता है तो ही किसानों को लाभ होगा।
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