हिसार

चालकों-परिचालकों को फिर से कच्चा किया तो होगा बड़ा आंदोलन : किरमारा


हिसार,

हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष एवं रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी के वरिष्ठ नेता दलबीर किरमारा ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि पूर्व के समझौते के तहत पक्के किये गए 8200 चालकों-परिचालकों के मामले से छेड़छाड़ की गई तो सरकार को कड़े विरोध का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि रोडवेज कर्मचारी पहले ही आंदोलन की राह पर हैं और सरकार उनके जले पर नमक छिड़कने वाले फैसले कर रही है।
एक बयान में दलबीर किरमारा ने कहा कि हरियाणा के एडवोकेट जनरल के पत्र के हवाले से विभाग के महानिदेशक ने पत्र लिखा है, जिसमें पूर्व में पक्के किये गये 8200 चालकों-परिचालकों को पक्का करने की बजाय केवल रेगुलर पे-स्केल देने की जिक्र किया गया है। नौकरी करना चाहते है, तो यहां क्लिक करे।
उन्होंने कहा कि विभाग की यूनियनों व पूर्व की सरकार के बीच जो समझौता हुआ था, उसके तहत लंबे समय से कार्यरत 8200 चालकों व परिचालकों को नियुक्ति तिथि से पक्का करने पर सहमति बनी थी और इस मसले पर विभाग की यूनियनों व मौजूदा सरकार के बीच भी बातचीत में सहमति हो गई थी। उन्होंने कहा कि महाधिक्ता के पत्र के अनुसार माननीय सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला दिया गया है कि ऐसे कर्मचारियों को रेगुलर करने की बजाय रेगुलर पे-स्केल दिया जा सकता है लेकिन यह बात गौर करने वाली है कि जब तक माननीय सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया था, तब तक ये कर्मचारी पक्के हो चुके थे। जीवन आधार नवंबर माह प्रतियोगिता.. प्ले ग्रुप से दसवीं तक विद्यार्थी और स्कूल दोनों जीतेंगे सैंकड़ों उपहार.. अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करे
दलबीर किरमारा ने कहा कि अब तक आगे बढ़ते कदम तो देखे गये थे लेकिन पीछे हटते कदम पहली बार देखे जा रहे हैं और वो भी परिवहन विभाग में। जब यूनियनों से हुए समझौते के तहत 8200 चालकों व परिचालकों को पक्का किया जा चुका है तो फिर अब नये पत्र जारी करके उन्हें रेगुलर मानने की बजाय रेगुलर पे-स्केल देने का जिक्र करना कर्मचारियों के जख्मों पर नमक छिड़कने वाला व उन्हें तनाव में डालने वाला फैसला है, जिसे सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यूनियनों से तीन बार हुए समझौतों को लागू न करने, इंटरस्टेट की बसों को बंद करने, विभाग में फैले भ्रष्टाचार, प्राइवेट परिवहन पॉलिसी 2016-17 को कोर्ट के आदेशों की आड़ में लागू करके रोडवेज बसों का संचालन बाधित करने सहित अन्य मांगों व समस्याओं के हल के लिए रोडवेज यूनियनों ने 28 दिसम्बर को प्रदेशभर में चक्का जाम करने का ऐलान किया हुआ लेकिन यदि पक्के हो चुके चालकों-परिचालकों के मामलों से छेड़छाड़ की गई तो 28 दिसम्बर से पहले ही सरकार को चक्का जाम या बड़ा आंदोलन झेलना पड़ सकता है।

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Jeewan Aadhar Editor Desk