हिसार,
जिले में आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूर्णतया असंवेदनशील हो चुका है। विभाग के अधिकारी पिछले दो दिनों से बंद टोल-फ्री कॉल सेवा को चालू नहीं करवा पा रहा है। इसी के चलते आज प्रसव पीड़ा से ग्रस्त महिला को एम्बुलैंस की सुविधा नहीं मिल पाई। परिजनों को मजबूरन निजी वाहन में महिला को लाना पड़ा और अस्पताल के प्रवेश द्वार के समीप ही मौके पर चिकित्सक एवं नर्सेज की मदद से गाड़ी में ही बच्चे को जन्म दिया, जिसे जन्म के साथ ही चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। फिलहाल महिला को उपचार केे लिए अस्पताल के जच्चा-बच्चा वार्ड में दाखिल किया गया है। जीवन आधार प्रतियोगिता में भाग ले और जीते नकद उपहार
गांव खारिया निवासी महिला मुकेश ने कहा कि उनकी पहले एक बेटी है और अब उन्होंने बेटे को जन्म दिया था। उन्होंने बताया िक आज सुबह उन्हें प्रसव पीड़ा हुई तो उनके पति राजेश ने आशा वर्कर को फोन पर संपर्क किया। आशा वर्कर मौके पर तो नहीं आई, मगर उसने फोन के जरिए परिजनों को एम्बुलैंस बुलाने की बात कही। आरोप है कि करीबन एक घंटे तक लगातार प्रसव पीड़ा के दौरान महिला घर पर ही रही और पता चला कि हड़ताल के चलते एम्बुलैंस नहीं मिल पाएगी। आशा वर्कर ने उन्हें निजी वाहन में जाने की सलाह दी। नौकरी की तलाश है..तो यहां क्लिक करे।
जब वे निजी वाहन लेकर सुबह करीबन 11 बजे अस्पताल पहुंचे तो प्रवेश द्वार पर ही महिला ने एक बच्चे को जन्म दे दिया था। तुरंत चिकित्सक को सूचना दी गई और प्रवेश द्वार के समीप पर्दा करके जच्चा एवं बच्चा की जांच की गई, जिसमें बच्चे की मौत घोषित कर दी गई और आगामी उपचार के लिए महिला को वार्ड में शिफ्ट करवा दिया गया।
दो दिन से पूरे अस्पताल परिसर में बीएसएनएल की सेवाएं ठप, 108 नंबर भी नहीं है ओपरेटिव
अस्पताल में एम्बुलैंस सेवाओं को हासिल करने के लिए सरकार की तरफ से 102 व 108 टोल फ्री नंबर जारी किया हुआ है और अस्पताल परिसर में बाकायदा इसका एक कंट्रोल रूम भी बना है। दो दिन सेे प्रभावित बीएसएनएल की सेेेवाएं ठप होने के कारण एम्बुलैंस सेवाओं का लाभ हर आम नागरिक को नहीं मिल पा रहा है।
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