हिसार,
हरियाणा रोडवेज ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने 28 दिसम्बर को राज्य में पूर्णरूप से चक्का जाम किये जाने का संकल्प दोहराते हुए सरकार को चेताया है कि वह कर्मचारी विरोधी व विभाग विरोधी नीतियों को छोड़कर हर वर्ग के हित में काम करें अन्यथा कर्मचारी वर्ग चुप नहीं बैठेगा। कमेटी ने हड़ताल की तैयारियों के लिए राज्य में डिपो स्तर पर गेट मीटिंग करने का सिलसिला तेज कर दिया है वहीं हड़ताल पर बैठे एनएचएम कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने की कड़ी निंदा करते हुए इन कर्मचारियों की सेवाएं तुरंत बहाल करने व इनसे बातचीत करने की अपील सरकार से की है। नौकरी की तलाश है..तो यहां क्लिक करे।
इस संबंध में हिसार डिपो प्रांगण में गेट मीटिंग का आयोजन किया गया, जिसमें तालमेल कमेटी के नेताओं ने 28 दिसम्बर को चक्का जाम करने का संकल्प दोहराया। रोडवेज नेता दलबीर किरमारा ने इस अवसर पर कहा कि सरकार कर्मचारियों को बार-बार आंदोलन के लिए बाध्य कर रही है। बार-बार बातचीत करके मांगों व समस्याओं पर सहमति देना और फिर सहमत हुई मांगों को लागू न करना सरकार ने अपनी नीति बना ली है। यही नहीं, सरकार ने सहमत हुई मांगों को लागू करने पर पर्दा डालने व निजीकरण की गति को बढ़ावा देने की मंशा के तहत रोडवेज की लंबी दूरी के लाभ वाले रूटों को बंद करने की योजना बना ली, जिससे साबित हो गया है कि सरकार अप्रत्यक्ष रूप से रोडवेज का निजीकरण चाहती है। यदि ऐसा हुआ तो केवल रोडवेज कर्मचारी ही नहीं बल्कि आम जनता, खासकर छात्र वर्ग व निशुल्क यात्रा सुविधा का लाभ ले रही 30 से अधिक श्रेणियों को रोडवेज के निजीकरण का खामियाजा भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि आम जनता व छात्र वर्ग रोडवेज कर्मचारियों के संघर्ष को केवल कर्मचारियों का ही न समझें बल्कि अपना संघर्ष समझें, अन्यथा बहुत देर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि रोडवेज यूनियनों द्वारा 22 दिसम्बर को किये जाने वाले महानिदेशक के घेराव में भी रोडवेज कर्मचारी बढ़चढ़कर भाग लेंगे, ताकि उनके कानों पर जूं रेंग सके। जीवन आधार प्रतियोगिता में भाग ले और जीते नकद उपहार
रोडवेज नेता रमेश सैनी, जयभगवान बडाला व राजाराम हुड्डा ने इस अवसर पर कहा कि रोडवेज की तमाम यूनियने कर्मचारियों के हितों को लेकर एकजुट है और जब तक सरकार मांगे नहीं मानेगी, तब तक वे संघर्षरत रहेगी। उन्होंने कर्मचारियों से आह्वान किया कि वे किसी के बहकावे में न आएं और एकजुटता से कर्मचारियों के संघर्ष में जुट जाएं ताकि 22 दिसम्बर के महानिदेशक के घेराव व 28 दिसम्बर की हड़ताल को सफल बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि अपने ही किये समझौतों से पीछे हटना, रोडवेज बेड़े में बसें न बढ़ाने सहित अनेक ऐसी मांगे है, जिनसे सरकार पीछे हट चुकी है। ऐसे में निर्णायक संघर्ष एक बार फिर जरूरी हो गया है।
गेट मीटिंग की अध्यक्षता डिपो प्रधान राजपाल नैन, रामसिंह बिश्नोई, सतपाल डाबला, पवन बूरा, बहादुर सिंह संडवा ने की और कर्मचारियों से एकता की अपील की। इसके अलावा अरूण शर्मा, अजमेर सावंत, कुलदीप पाबड़ा, सुभाष ढिल्लो, जोगेन्द्र लांबा, राजबीर पंघाल, दर्शन जांगड़ा, योगराज, जोगीराम इंदौरा, महेन्द्र माटा, कृष्ण व रामफल कादियान सहित अन्य ने भी संबोधित किया।
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