नई दिल्ली,
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संसद भवन में हिसार के सांसद दुष्यंत चौटाला किसानों की मांग उठाते नजर आए। उन्होंने मंगलवार को संसद में टैक्टर को ट्रांस्पोर्ट व्हीकल एक्ट से बाहर रखने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक नोटिफिकेशन जारी करके ट्रैक्टर को नॉन ट्रांसपोर्ट से ट्रांसपोर्ट व्हीकल में लाने की नोटिफिकेशन जारी किया है। पार्ट टाइम नौकरी की तलाश है..तो यहां क्लिक करे।
कमर्शियल श्रेणी में आने से किसान पूरी तरह से बर्बादी की ओर चला जाएगा। ट्रैक्टर पर कई प्रकार के टैक्स लगने लगेगे। ट्रैक्टर पंजीकरण, प्रदूषण और कमर्शियल वाहनों पर लागू होने वाले अन्य सभी नियमों के अंतर्गत आ जाएगा बल्कि ट्रैक्टरों की कीमतें भी प्रति यूनिट 50 से 60 हजार रुपए बढ़ जाएंगी। जीवन आधार प्रतियोगिता में भाग ले और जीते नकद उपहार
हरियाणा का 57 प्रतिशत हिस्सा एनसीआर में आता है। एनसीआर में कमर्शियल डीजल वाहन 10 साल पुराना नहीं चल सकता, जबकि ट्रैक्टर को तो किसान 25 से 30 साल तक चलाता है, ऐसे में किसानों का 10 साल पुराना ट्रैक्टर बिल्कुल नाकारा हो जायेगा। इसके अलावा पुलिस को किसान के ट्रैक्टर का चलान काटने की ताकत मिल जायेगी। गरीब किसान चप्पल पहनकर ट्रैक्टर नहीं चला पायेगा। एक टन से ज्यादा उपज मंडी में बेचने गया तो पुलिस उसका चलान काट देगी। उसे टोल टैक्स देना पड़ेगा। रजिस्ट्रेशन के लिए गाड़ी के बराबर रजिस्ट्री रखनी पड़ेगी। सांसद दुष्यंत चौटाला ने ट्रैक्टर को कमर्शियल वाहन घोषित न करने की मांग की।
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