रियाद
आतंकवाद के खिलाफ चार देशों ने बड़ा कदम उठाकर पूरी दुनियां के सामने एक उदाहरण पेश किया है। काश! इन देशों से सबक लेते हुए भारत भी पाकिस्तान के खिलाफ ऐसे ठोस कदम उठा पाए। सऊदी अरब, बहरीन, मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने कतर के साथ सभी तरह के कूटनीतिक संबंध तोड़ने की घोषणा की है। इन सभी देशों ने कतर पर आतंकवाद को समर्थन देने का आरोप लगाया है। बाहरेन ने सोमवार को कतर के साथ रिश्ते तोड़ने के अपने फैसले की जानकारी दी। आतंकवाद को बढ़ावा देने के अलावा बाहरेन ने कतर पर अपने आंतरिक मामलों में दखलंदाजी करने का भी आरोप लगाया है। मालूम हो कि बाहरेन सऊदी अरब का करीबी सहयोगी है।
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इन चारों देशों ने कतर के साथ न केवल अपने कूटनीतिक और राजनयिक संबंध तोड़ लिए हैं, बल्कि हवाई व समुद्री संपर्क तोड़ने का भी ऐलान किया है। बहरीन ने कतर में रह रहे अपने सभी नागरिकों को वहां से लौट आने के लिए 14 दिन का समय दिया है। सऊदी अरब ने अपने फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि सऊदी को आतंकवाद और कट्टरपंथ से बचाने के लिए यह कदम उठाना जरूरी हो गया था। सऊदी की आधिकारिक न्यूज एजेंसी ने एक ऑफिशल सूत्र के हवाले से बताया कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर ऐसा कर रहा है। सऊदी ने सभी मित्र राष्ट्रों और कंपनियों से भी अपील की है कि वे भी कतर के साथ सभी तरह के संपर्क तोड़ दें।
मिस्र और UAE ने भी कतर के साथ सभी तरह के संबंध तोड़ने की घोषणा की है। मिस्र ने जहां कतर पर आतंकवादी संगठनों को समर्थन देने का आरोप लगाया, वहीं UAE का कहना है कि कतर पूरे पश्चिम एशिया क्षेत्र की सुरक्षा को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है। अपने यहां रह रहे कतर के नागरिकों को देश छोड़कर जाने के लिए 14 दिनों की मोहलत दी है, जबकि कतर के राजनयिकों को 48 घंटे के अंदर बहरीन छोड़ने को कहा गया है।