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26 दिसंबर 2004 को हिंद महासागर में आई सूनामी लहर ने भारत समेत दुनिया के कई देशों में भारी तबाही मचाई थी। 13 साल पहले सूनामी में हुई जान माल की भारी तबाही की वजह से 26 दिसम्बर की तारीख कई लोगों के लिए बदनसीब दिन बन गई। इस त्रासदी ने इतिहास के पन्नों पर ऐसा खौफ पैदा किया कि सूनामी का नाम सुनते ही लोगों में दहशत फैल जाती है।
2004 में भारत सहित दक्षिण पूर्व एशिया में हिन्द महासागर में उठी लहरों की वजह से कई तटीय शहरों में सूनामी का कहर बरपा था। हिंद महासागर में 9.15 की तीव्रता वाले भूकंप ने सूनामी लहर पैदा किया। भारत, श्रीलंका और इंडोनेशिया सहित कुछ और देशों में लाखों लोग मारे गए। लहरों ने थाइलैंड, मेडागास्कर, मालदीव, मलेशिया, म्यांमार, सेशेल्स, सोमालिया, तंजानिया, केन्या, बांग्लादेश तक भी असर डाला।
सबसे ज्यादा मार इंडोनेशिया, दक्षिण भारत और श्रीलंका पर पड़ी। 2004 में सूनामी से 13 प्रभावित देशों में सात लाख तीस हजार लोग विस्थापित हुए। इस आपदा से निपटने और पुर्ननिर्माण के लिए सरकारी सहायता और निजी दान के रूप में 13.6 अरब डॉलर खर्च किए गए।