हिसार
प्रदेश में हिसार को सबसे पहले मलेरिया मुक्त जिला बनाने के लक्ष्य को साधे स्वास्थ्य विभाग की मलेरिया को खत्म करने वाली यूनिट ने ग्रामीण अंचल में मलेरिया को एक्टिव करने वालेे मच्छरों को खत्म करने के लिए विशेष अभियान चलाया। इस अभियान के पहले चरण में मलेरिया शाखा की टीम ने ग्रामीणों को जागरूक किया और फिर गांवों के तालाबों सहित 530 वाटर बॉडिस सिस्टम में गम्बूजिया व गप्पी मछलियों को छोड़ा गया है और ग्रामीणों को इन मछलियों के विशेष रख-रखाव के निर्देश दिए।
मलेरिया शाखा की प्रमुख एवं उप सिविल सर्जन डॉ. जया गोयल ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय वर्ष 2025 तक प्रदेश को मलेरिया मुक्त बनाना चाहता है, मगर आमजन के सहयोग से वे हिसार जिले को इससे पूर्व ही मलेरिया मुक्त बनाने के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि हर परिवार हर रविवार को घर में रखे पानी के सभी पात्रों को सुखाए और ड्राई डे के रूप में मनाए तो यह सब संभव है। उन्होंंने कहा कि जिले में इस वर्ष मलेरिया का प्रभाव खत्म करने के लिए उन स्थानों का रिकॉर्ड हासिल किया गया है, जहां मलेरिया के केस पूर्व के समय में अधिक रहा है। इसके चलते मलेरिया संभावित इलाकों में विभाग की टीम तथा विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग हर परिवार के द्वार पर जाकर मलेरिया के प्रभाव से मुक्त होने के उपायों के बारे में जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिले में तीन फिश हैचरी हैं, जिनमें से दो जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय के नजदीक और एक मंगाली स्थित पीएचसी में है। उन्होंने बताया कि उनकी टीम इन फिश हैचरी से फिश एक बैग में एकत्र कर मलेरिया रोग से संभावित स्थानों के नजदीक स्थित तालाबों में डाली जा रही हैं। इस टीम में हैल्थ इंस्पेक्टर सुखबीर सिंह, महताब सिंह, एमपीएचडब्ल्यू महताब सिंह, पालू राम, रजनीश, बलजीत सिंह, संजय सहित अन्य कर्मचारी शामिल हैं।
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