हिसार

4 महीने में बंद हो जायेगी देश की 3 सर्कस

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ओलम्पिक सर्कस के प्रबंधक सुबोध कुमार ने बताया कि जो सर्कस इंडस्ट्री आज से पांच साल पहले तक जनता को अपनी ओर खींच कर देश के हजारों परिवारों का भरण पोषण करती थी, आज वही इंडस्ट्री इंडस्ट्री पिछले चार साल में पहले से आधी रह गई हैं और यदि यही स्थिति रही तो अगले छह-सात वर्षों में यह इंडस्ट्री पूरी तरह समाप्त हो सकती है। वर्तमान सरकार इस इंडस्ट्री के फलने-फूलने के लिए नहीं, बल्कि इस इंडस्ट्री को खत्म करने को लेकर फैसले ले रही है। ओलम्पिक सर्कस आज सेक्टर-14 के खाली मैदान में आरंभ होने को लेकर मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी ने द्वारा सर्कस की इंडस्ट्री को समाप्ति की ओर बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि चार वर्ष पहले तक देश में जहां कुल 85 सर्कस थीं, वह घटकर आज के दिन 43 रह गई हैं। वहीं उन्होंने दावा किया कि आगामी तीन-चार महीने में देश की तीन सर्कस और बंद होने जा रही है। उन्होंने बताया कि इसका कारण सरकार द्वारा सर्कस में जानवरों को न रखना है। उन्होंने तर्क दिया कि जो जीव सैंकड़ों परिवारों का भरण-पोषण करने में अहम भूमिका अदा कर रहा है तो उस जीव पर कोई भी व्यापारी शोषण कैसे कर सकता है। उन्होंने कहा कि एक पशुपालक भी दुधारू पशु का दूध बेचता हैै और दूध निकालने के लिए संभवत: वह भी शोषण करता है। उस पशु के बच्चे के हिस्से का दूध हासिल करता है। उन्होंने कहा कि वे पशुपालकों के विरोध में नहीं हैं, मगर सरकार को हर दृष्टिकोण को समझना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मेनका गांधी द्वारा सर्कस में किसी भी पशु या पक्षी के करतब को बैन करने के फैसले के बाद आज देश की सर्कस इंडस्ट्री पर काले बादल मंडरा रहे हैं। आज केवल इंसान ही ऐसा जीव है, जो सर्कस में अपने कैसे भी करतब दिखाए और अपना व अपने परिवार का पालन-पोषण करे। उन्होंने सरकार से अपील की है कि वे हर तथ्य पर गहनता से विचार-विमर्श करके फैसले दे और यदि सरकार द्वारा पूर्व में गलत फैसले लिये गए हैं तो वे उन फैसलों पर पुनर्विचार कर आमजन के हित में फैसला लें।
डेढ़ फुट के बॉक्स में पांच फुट की लकड़ी
आज से सेक्टर-14 के खाली मैदान में आरंभ हो रही सर्कस में पहली बार एक युवती अपने करतब से केवल डेढ़ फुट ऊंचे, लंबे व चौड़े बॉक्स में अपने पूरे शरीर को मोड़कर डालेगी। यह करतब अपने आप में अनोखा होगा। करतब दिखाने वाली मूलरूप से बिहार क्षेत्र की रहने वाली ज्योत्सना है, जिनके परिवार के सभी सदस्य अनोखे करतब दिखाकर लोगों को हैरत में डालते हैं। ज्यौत्सना ने बताया कि उनका कद पांच फुट का है और वे अपने शरीर को इतना लचीला बना लेती हैं कि वे केवल डेढ़ फुट के बॉक्स में शरीर को मोड़ लेती हैं। इसके अलावा सर्कस में नुकीली वस्तुओं पर एक व्यक्ति लेटकर हैरतअंगेज करतब दिखाएगा।
वीआईपी कल्चर को दरकिनार कर गरीब बच्ची से करवाएंगे शुभारंभ
सर्कस के प्रबंधक सुबोध कुमार ने बताया कि मोदी सरकार की तर्ज पर सर्कस का शुभारंभ करने के लिए वीआईपी कल्चर को खत्म किया गया है। इस बार सर्कस का शुभारंभ एक झुग्गी झोपड़ी वाली एक युवती से करवाया जाएगा। उन्होंंने बताया कि सर्कस में मंगोलियन व विदेशी कलाकारों द्वारा हैरतअंगेज करतब दिखाए जाएंगे। इनमें साड़ी पर लटककर बैलेंस करना, रोप बैलेंस, हवाई झूला, गोल चक्कर के अंदर तीन मोटरसाइकिल चलाना, बाइक जम्प, रोलर बैलेंस, स्प्रिंग नैट व जम्पिंग के अतिरिक्त जोकरों द्वारा हंसी के करतब प्रस्तुत किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि सर्कस के हर शो में अरबी डांस भी दिखाया जाएगा।

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