चंडीगढ़,
हरियाणा में सरकारी नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया में आर्थिक आधार पर दिए जाने वाले आरक्षण पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है। हाई कोर्ट शिक्षण संस्थानों के दाखिलों में आर्थिक आधार पर आरक्षण देने पर पहले ही रोक लगा चुका है। अब सरकारी नौकरियों में आर्थिक आधार पर आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाएगा।
यह याचिका सुनील और कुछ अन्य लोगों ने दायर की है। इसमें हरियाणा में छह हजार क्लर्कों की नियुक्ति प्रक्रिया में आर्थिक आधार पर दिए गए 10 फीसद आरक्षण को चुनौती दी गई थी। याची के वकील आरएस ढुल की दलील थी कि आर्थिक आधार पर शिक्षण संस्थानों में प्रवेश और नौकरियों मेंं आरक्षण का प्रावधान किया गया था। हाईकोर्ट ने शिक्षण संस्थानों में प्रवेश में आर्थिक आधार पर आरक्षण पर रोक लगा दी, इसलिए नौकरियों में इस तरह का आरक्षण देना न्यायसंगत नहीं है।
याचियों के वकील ने हाल ही में गुजरात हाई कोर्ट द्वारा गुजरात में आर्थिक आधार पर आरक्षण को रद करने के फैसले की प्रति भी हाई कोर्ट को सौंपी और गुजरात सरकार द्वारा इसके खिलाफ दाखिल सुप्रीम कोर्ट में लंबित याचिका पर दिए गए आदेशों की प्रति भी पेश की। इन सभी को देखने के बाद हाई कोर्ट ने नौकरियों में आर्थिक आधार पर 10 फीसद आरक्षण का लाभ देने वाली अधिसूचना पर रोक लगा दी है।
सामान्य श्रेणी को दिया जा रहा था इससे लाभ
हरियाणा में सामान्य श्रेणी में मौजूद उन जातियों को जिन्हें किसी अन्य में आरक्षण का लाभ नहीं मिला है उन्हें आर्थिक आधार पर आरक्षण का लाभ देने का फैसला लिया गया था। शिक्षण संस्थानों में प्रवेश तथा सरकारी नौकरियों में 10 फीसद आरक्षण की व्यवस्था की गई थी।
इस बीच मेडिकल कॉलेज में एडमिशन को लेकर एक याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने शिक्षण संस्थानों मेंं प्रवेश में आरक्षण पर रोक लगा दी थी और अब क्लर्कों की भर्ती में आरक्षण को चुनौती वाली याचिका पर सभी नौकरियों में आर्थिक आधार पर दिए जा रहे आरक्षण पर रोक लगा दी।
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