फरीदाबाद,
ओल्ड फरीदाबाद चौक से कार में सरेआम युवती के अपहरण और सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पुलिस के कंट्रोल रूम, नाका व्यवस्था और साइबर अपराध शाखा बुरी तरह नाकाम साबित नजर आए। अपहरण होने के चंद मिनटों के भीतर ही पुलिस को वारदात और उसकी लोकेशन पता चल गई थी। इसके बावजूद चार घंटे तक पुलिस केवल हवा में तीर मारती रही। युवती ने जब खुद फोन करके बताया कि बदमाश उसे सीकरी में छोड़कर गए हैं, तब पुलिस उस तक पहुंची और अपने साथ लेकर आई। रविवार को पुलिस के आला अधिकारी मुंह छिपाते घूमते रहे और मीडिया से बात करने से कतराते रहे। पुलिस की साइबर अपराध शाखा मोबाइल नंबर के आधार पर अपराधियों तक तुरंत पहुंचने का दावा करती है। पुलिस के पास युवती का फोन नंबर भी था, मगर कोई मदद नहीं मिली।
सफेद रंग की नई स्कॉरपियो कार में हुआ अपहरण
वारदात स्थल पर मौजूद शख्स ने पुलिस कंट्रोल रूम को न केवल यह बताया कि अपहरण सफेद रंग की स्कॉरपियो कार में हुआ, बल्कि यह भी बताया कि कार पर एचआर 99 नंबर अंकित था। यह नंबर नए वाहनों को रजिस्ट्रेशन नंबर आने तक टेंपरेरी तौर पर दिया जाता है, यानि पुलिस के पास कार के बारे में काफी इनपुट था, फिर भी पुलिस किसी भी नाके पर कार को रोक नहीं पाई।
कार में पैरों के तले दबाकर ले गए युवती को
युवती व उसके परिजन वारदात के बारे में ज्यादा कुछ बताने से बच रहे हैं। पता चला है कि आरोपियों ने युवती को कार में अपहरण करने के बाद पीछे सीटों के बीच खाली जगह फर्श पर लिटा लिया और ऊपर से पैर व हाथ रखकर दबा लिया, ताकि वह ऊपर ना देख सके। युवती का कहना है कि आरोपी आपस में गालियां दे रहे थे और उसे चुपचाप लेटे रहने की हिदायत दी। साथ ही वे आपस में होडल-पलवल के तरफ की बोली में बात कर रहे थे।
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