हिसार

रोडवेज कर्मियों ने किया किसानों व आंगनवाड़ी महिलाओं के समर्थन में प्रदर्शन, चक्का जाम की दी चेतावनी

हिसार,
हरियाणा रोडवेज कर्मचारी तालमेल कमेटी ने लघु सचिवालय के समक्ष धरने पर बैठे किसानों व आंगनवाड़ी महिलाओं के समर्थन में हकृवि गेट से लघु सचिवालय तक प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम दिये ज्ञापन में इन दोनों संगठनों से बातचीत करके समस्या का समाधान करने की मांग की। रोडवेज तालमेल कमेटी ने दोहराया कि यदि आंगनवाड़ी महिलाएं या किसान सरकार की संवादहीनता के खिलाफ कोई कड़ा कदम उठाते हैं या हड़ताल करते हैं तो रोडवेज कर्मचारी भी उनके समर्थन में चक्का जाम करने से गुरेज नहीं करेंगे।

रोडवेज नेता दलबीर किरमारा, रमेश सैनी, विजय सिवाच, महासंघ के जिला प्रधान राजबीर बैनीवाल के नेतृत्व में रोडवेज कर्मचारी प्रदर्शन करते हुए हकृवि के चार नंबर गेट से लघु सचिवालय स्थित धरनास्थल पर पहुंचे और आंदोलनरत आंगनवाड़ी महिलाओं व किसानों का समर्थन किया। यहां पर किसानों व आंगनवाड़ी महिलाओं को संबोधित करते हुए रोडवेज नेता दलबीर किरमारा ने कहा कि पिछले डेढ़ माह से किसान तथा 15 दिनों से आंगनवाड़ी महिलाएं आंदोलन पर है लेकिन सरकार इनकी अनदेखी कर रही है। हालांकि आज सरकार की तरफ से किसानों को बातचीत का न्यौता मिला है तो ऐसे में कामना यही करते हैं कि सरकार किसानों की मांग माने ताकि प्रदेश के सबसे शांतिप्रिय व मेहनती वर्ग को इस तरह आंदोलन या धरना-प्रदर्शन न करें। उन्होंने कहा कि हरियाणा रोडवेज के कर्मचारी किसानों के साथ हैं क्योंकि वे कर्मचारी बाद में है और किसान के बेटे पहले हैं। यदि सरकार ने उनकी अनदेखी की तो रोडवेज कर्मचारी सबसे पहले किसानों के समर्थन में आएगा।

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दलबीर किरमारा, रमेश सैनी, राजबीर बैनीवाल व विजय सिवाच ने कहा कि पिछले 15 दिनों से आंदोलन कर रही आंगनवाड़ी महिलाओं से भी सरकार को बिना देर किये बातचीत करके उनकी मांगे माननी चाहिए। ये महिलाएं प्रदेश के नौनिहालों में शिक्षा की लौ जगाती है लेकिन उन्हें आज आंदोलन को मजबूर होना पड़ रहा है। उनकी सभी मांगे जायज है और पिछले लंबे समय से आंदोलनरत होने के बावजूद उनकी मांगों व समस्याओं की अनदेखी की जा रही है जो निंदनीय है। उन्होंने सरकार को चेताया कि यदि शीघ्र ही आंगनवाड़ी महिलाओं से बातचीत नहीं की गई तो उनका आंदोलन अन्य विभागों में फैल सकता है, जिसकी जिम्मेवारी सरकार की होगी।
प्रदर्शन में उपरोक्त के अलावा मुख्य रूप से जयभगवान बडाला, कुलदीप पाबड़ा, रामसिंह बिश्नोई, राजपाल नैन, सतपाल डाबला, बहादुर सिंह संडवा, अजायब सिंह, राजबीर पंघाल, जोगेन्द्र लांबा, अरूण शर्मा, सुखबीर सोनी, सुभाष ढिल्लो, ईश्वर सहारण, महाबीर फौजी, महेन्द्र माटा, सतीश गुरी, धर्मपाल बूरा, आजाद सिंह, सुभाष बिश्नोई, युद्धवीर घनघस, चमनलाल, दर्शन जांगड़ा, रामचन्द्र, घीसूराम यादव सहित अनेक पदाधिकारी व कर्मचारी शामिल थे।

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