शिलॉन्ग,
मेघालय में 21 सीटें जीतकर भी कांग्रेस सत्ता से दूर रह गई और बीजेपी महज 2 विधायकों के साथ सरकार में शामिल होने जा रही है। गैर-कांग्रेसी मोर्चे ने राज्यपाल गंगा प्रसाद के सामने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है। बीजेपी (2) , एनपीपी (19), यूडीपी (6), एचएसपीडीपी (2), पीडीएफ (4) और 1 निर्दलीय के साथ 34 विधायकों के समर्थन का पत्र राज्यपाल को दिया गया है। राजभवन की ओर से औपचारिकताओं का इंतजार किया जा रहा है, लेकिन नैशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी) के अध्यक्ष कोनराड संगमा का मुख्यमंत्री बनना तय है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक कोनराड मंगलवार को सुबह 10:30 पर शपथ लेंगे।
टीम वर्क के बल पर महज 10 रुपए में शुरु करे बिजनेस..अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करे।
राज्यपाल से मुलाकात के बाद कोनराड संगमा ने कहा, ‘हमने 34 विधायकों के समर्थन के साथ सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है। अगले 2-3 दिन बहुत अहम हैं। मौजूदा सरकार का कार्यकाल 7 मार्च को समाप्त हो रहा है और इससे पहले हर चीज होनी है। कल तक सबकुछ साफ हो जाएगा।’ क्या वह राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे। इस सवाल के जवाब में संगमा ने कहा कि दूसरे दलों ने उनके नेतृत्व में ही सरकार गठन के लिए समर्थन दिया है।
Visuals from inside Governor House in #Meghalaya where MLAs from NPP, UDP, BJP and HSPDP arrived earlier over the formation of govt in the state; #ConradSangma to be the next CM. pic.twitter.com/z5BOJuWPwR
— ANI (@ANI) March 4, 2018
पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बनने जा रहे कोनराड के लिए कई दलों को साथ लेकर चलना आसान नहीं होगा। वह भी इस चुनौती से वाकिफ हैं। उन्होंने कहा, ‘गठबंधन सरकार चलाना आसान नहीं है, लेकिन मुझे विश्वास है कि जो विधायक हमारे साथ हैं वे राज्य और जनता के लिए समर्पित हैं। हम राज्य के विकास के लिए काम करेंगे।’
#WATCH BJP's Himanta Biswa Sarma says Rahul Gandhi sent four senior leaders of the party to Shillong without any calculations on government formation. I don't see maturity in him. pic.twitter.com/c8TdDewBef
— ANI (@ANI) March 4, 2018
असम के मंत्री और बीजेपी नेता हेमंत बिस्व शर्मा ने बताया कि राज्य में कोई उपमुख्यमंत्री नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘हमारे पास 34 विधायकों का समर्थन है और यह आंकड़ा अभी बढ़ सकता है।’ उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष पर तंज कसते हुए कहा, ‘राहुल गांधी ने सरकार गठन के गणित का हिसाब-किताब लगाए बिना पार्टी के 4 वरिष्ठ नेताओं को शिलॉन्ग भेज दिया। मैं उनमें कोई परिपक्वता नहीं देखता हूं।