नई दिल्ली,
देश में इन दिनों भगवान हनुमान लगातार चर्चा में हैं और उनकी चर्चा का विषय उनकी जाति को लेकर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्थान विधानसभा चुनाव के दौरान हनुमान को दलित बताया था, इसके बाद उनके जाति को लेकर राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है। कोई उन्हें दलित, कोई मुसलमान और कोई उन्हें जाट का बता रहा है, लेकिन अब सांसद कीर्ति आजाद ने उन्हें चीनी बता दिया है।
इस मुद्दे पर कीर्ति आजाद ने कहा, ‘हनुमान जी चीनी थे। हर जगह यह अफवाह उड़ रहा है कि चीनी लोग दावा कर रहे हैं कि हनुमान जी चीनी थे।’ वहीं, बीजेपी सांसद उदित राज ने हनुमान को आदिवासी बताया। हनुमान की जाति को लेकर बीजेपी नेता तरह-तरह की बयानबाजी पर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के धर्मार्थ कार्य मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने विधान परिषद में बहस के दौरान हनुमान को जाट बता दिया। उन्होंने कहा था, ‘जो दूसरों को दिक्कत में देखकर कूद पड़ते हैं, वह जाट ही हो सकता है। इसलिए हनुमान जाट थे।’ हालांकि उनकी इस दलील को सुनकर सदन में बैठे विपक्षी दलों ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया।
बुक्कल बोले- मुसलमान थे हनुमान
इससे पहले बीजेपी विधायक बुक्कल नवाब ने भी हनुमान की जाति को लेकर अनोखा बयान दिया था। उन्होंने कहा कि हनुमान मुस्लिम थे। इसलिए मुसलमानों के नाम रहमान, रमजान, फरहान, सुलेमान, सलमान, जिशान, कुर्बान पर रखे जाते हैं। बीजेपी के विधायक बुक्कल नवाब ने हनुमान को दलित बताए जाने पर उठे विवाद का जिक्र करते हुए कहा कि हनुमान की जाति पर बात होती है तो यह भी देखना चाहिए कि वो किस धर्म से थे। मेरा मानना है कि हनुमान जी मुस्लिम थे। इसलिए मुसलमानों के अंदर जो नाम रखा जाता है, वो हनुमान से मिलता-जुलता है।
हनुमान की जाति को लेकर सबसे पहला बयान यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया था जिसमें उन्होंने 27 नवंबर को अलवर में चुनावी रैली में भाषण के दौरान हनुमान को दलित बताया था। उन्होंने कहा था कि हनुमान वनवासी, वंचित और दलित थे। उनके इस बयान के बाद सियासी गलियारों में जमकर विरोध शुरू हो गया।
योगी आदित्यनाथ के इस बयान के बाद हर कोई अपने-अपने स्तर पर हनुमान की जाति बताने लगा। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) के अध्यक्ष नंद कुमार साय ने हनुमान को आदिवासी बताया था। जबकि बाबा रामदेव ने बताया कि हनुमान अष्ट सिद्धि के ज्ञानी होने के साथ-साथ क्षत्रिय भी हैं।
केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सोंघ ने हनुमान को दलित नहीं आर्य बताया तो शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने उन्हें ब्राह्मण बताया। बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद गोपाल नारायण सिंह ने तो यह तक कह दिया कि हनुमान तो बंदर थे और बंदर पशु होता है, जिसका दर्जा दलित से भी नीचे होता है। वो तो राम ने उन्हें भगवान बना दिया। हनुमान को लेकर राजनीतिक बयानबाजी लगातार जारी है।