आदमपुर (अग्रवाल)
युवाओं का यह समूह थोड़ा अलग है। गौसेवा के लिए ये युवा अपना जेब खर्च तक लगा देेते हैं। सडक़ पर घायल या बीमार गाय मिले तो फिर इनसे रहा नहीं जाता। उसे सडक़ पर ही दवा देते हैं और हालत न सुधरने पर पशु अस्पताल भी ले जाते हैं। कस्बे के कुछ युवकों ने घायल पशुओं को सुरक्षा देने का बीड़ा उठा रखा है। इन युवकों को कहीं भी घायल पशु या गाय मिलने का पता चलता है तो ये अपनी जेब खर्च से उनको बचाने के लिए निकल पड़ते हैं।
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आदमपुर गऊ रक्षा दल के नाम से इन युवाओं ने एक संस्था बना रखी है। रमेश गादिया के नेतृत्व में कई युवकों की टीम कार्य करती है। इन युवकों को कहीं भी गाय व सांड आदि किसी भी जीव के घायल होने का पता चलता है तो ये उसको बचाने के लिए अपनी जी-जान लगा देते है। उसका चिकित्सकों से इलाज कराकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाते हैं। युवाओं की टोली रोजाना सडक़ों पर घूमती है। कोई घायल पशु सडक़ पर मिले तो वे पहले उसका वहीं उपचार करते हैं और जब हालत ज्यादा खराब होती तो घायल गाय या सांड को पशु अस्पताल ले आते हैं।
रमेश ने बताया कि घायल गाय की मरहम पट्टी करने के बाद उसको कस्बे की गऊशाला में सुरक्षित छोड़ दिया जाता है। गत दिवस सेवादल के सदस्यों ने एक घायल सांड का उपचार किया। उपचार के दौरान सांड को काबू करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। उन्होंने बताया कि उनके सेवादल में 18 वर्ष से लेकर 27 वर्ष तक के कई युवक हैं। यह सेवादल पिछले एक वर्ष से कार्य कर रहा है। वे पशुओं की मरहम पट्टी आदि अपने जेब खर्च को बचाकर करते है। अनूप शर्मा, राजू सुथार, प्रकाश वर्मा, विष्णु लक्सर, प्रदीप खिच्चड़, पंकज बिश्नोई, विष्णु राड़ आदि ने कहा कि ऐसा करने से उन लोगों को आत्मिक संतुष्टि मिलती है।