चंडीगढ़,
हरियाणा सरकार अब राज्य में रहने वाले हर व्यक्ति के स्वास्थ्य की चिंता करेगी। प्रदेश सरकार लोगों को होने वाली 36 तरह की बीमारियों के तमाम टेस्ट कराने पर गंभीरता से विचार कर रही है। यह टेस्ट घर-घर जाकर होंगे। राज्य में हर व्यक्ति का हेल्थ कार्ड बनेगा आैर इसमें उस व्यक्ति की सेहत का पूरा हिसाब-किताब होगा। संबंधित बीमारियों का पूरा डाटा जब सरकार के पास आ जाएगा, तब उनके इलाज के लिए उसी हिसाब से योजनाएं बनेंगी तथा साधन संपन्न लोग उनका अपने स्तर पर भी इलाज करा सकेंगे।
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हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बुधवार को विधानसभा में भाजपा विधायक प्रेमलता के एक सवाल के जवाब में यह जानकारी दी। प्रेमलता ने थैलीसीमिया से पीडि़त बच्चों के सर्वे तथा उनके इलाज की मांग उठाई। कांग्रेस विधायक करण सिंह दलाल और भाजपा विधायक महीपाल सिंह ढांडा ने भी स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे उठाए।
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने सदन को बताया कि हरियाणा में थैलेसीमिया ग्रस्त रोगियों के संबंध में अभी तक कोई सर्वे नहीं करवाया गया है। इसके बावजूद सरकारी अस्पतालों में पंजीकृत थैलेसीमिया रोगियों की संख्या 1136 है, जिनमें 752 रोगियों की उम्र 18 वर्ष से कम है।
उन्होंने कहा कि अस्पतालों में सुविधा अनुसार थैलेसीमिया ग्रस्त रोगियों को न केवल मुफ्त दवाइयां प्रदान की जा रही हैं बल्कि उनका रक्त भी मुफ्त में बदला जा रहा है। अनिल विज के अनुसार वर्ष 2017 के दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वारा थैलीसीमिया पीडि़त बच्चों को 9838 यूनिट रक्त मुफ्त प्रदान किया गया।