हिसार,
हरियाणा रोडवेज मिनीस्ट्रीयल स्टाफ एसोसिएशन ने प्रदेश सरकार से तबादला नीति पर पुर्नविचार करने की मांग की है। सरकार की नई तबादला नीति के विरोध में एसोसिएशन ने 19 मार्च को सभी कर्मचारियों की बैठक बुलाई है, जिसमें सरकार की इस नीति पर विचार-विमर्श करते हुए आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी।
एसोसिएशन के प्रधान पवन बूरा, वरिष्ठ उप प्रधान सुभाष ढिल्लो, सचिव धर्मबीर शर्मा, सह सचिव तेजेन्द्र गोदारा व खजांची जयभगवान दहिया ने एक संयुक्त बयान में कहा कि सरकार ने जो तबादला नीति बनाई है, वह पूरी तरह से कर्मचारी विरोधी है क्योंकि कर्मचारी 5 वर्ष से अधिक एक स्टेशन पर नहीं रह सकता। पांच वर्ष के बाद कर्मचारी का तबादला दूसरे जिले में कर दिया जाएगा, जिसके चलते वह कहीं पर भी अपना स्थाई निवास नहीं बना पाएगा।
उन्होंने कहा कि सभी कर्मचारियों की तुलना शिक्षकों से नहीं की जा सकती क्योंकि शिक्षकों के सभी 7 जोन एक ही जिले में पूरे हो जाते हैं जबकि परिवहन विभाग के किसी दूसरे डिपो में यदि तबादला किया जाता है तो वह दूसरे जिले में ही होता है जो 50 किलामीटर से कम नहीं होता। उन्होंने कहा कि इस तबादला नीति का सरकारी कार्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा क्योंकि पूर्व में वह जिस जगत काम कर रहा है, उसे वहां का लंबा अनुभव है जबकि नये स्थान पर उसे कठिनाई आएगी। उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसी तबादला नीति बनानी चाहिए जिससे कर्मचारी अपने मनपसंद के स्थान पर एमआईएस पोर्टल के माध्यम से अपना तबादला करवा सके तथा इस प्रकार के तबादला में विधायकों व मंत्रियों के पीछे न भागना पड़े। उन्होंने कहा कि सरकार की मौजूदर तबादला नीति के विरोध में 19 मार्च को हिसार डिपो में कर्मचारियों की बैठक बुलाई गई है, जिसमें इस पर विचार-विमर्श करते हुए आंदोलन की रूपरेखा पर विचार किया जाएगा। इसके अलावा मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री व महानिदेशक को सुझाव पत्र भी भेजे जाएंगे।