होशियारपुर,
पंजाब के होशियारपुर जिले से खालिस्तानी आतंकी रणजीत सिंह उर्फ राणा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। 26 साल से कोर्ट से भगोड़ा घोषित यह आतंकी होशियारपुर जिले के नूरपुर जट्टां का रहने वाला खाला था। ये एक साल से जालंधर के एक गुरुद्वारा साहिब में ग्रंथी की ड्यूटी कर रहा था। सोमवार को वह अपने गांव किसी शादी में शरीक होने आया था।
जानकारी के मुताबिक, पंजाब पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि राणा अपने गांव नूरपुर जट्टां में आया हुआ है। इसके बाद गांव को चारों तरफ से घेर लिया गया। पुलिस ने घेराबंदी कर उसे दबोच लिया। गांव के लोग और पुलिस वाले इतने सालों से इसे मरा समझ रहे थे। आतंकवाद के दौर में उसके मारे जाने की बात बताकर गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया था।
एसएसपी संदीप कुमार शर्मा ने बताया कि गांव वाले उसे मरा समझ रहे थे। आरोपी 1985 में खालिस्तान कमांडो फोर्स के आतंकी सतनाम सिंह सत्ता निवासी पलटावा, गुरलाल सिंह और रणजीत सिंह के साथ रहा है। ये तीनों आतंकी मर चुके हैं। रणजीत ने बताया कि यह उसकी जवानी की सबसे बड़ी गलती थी। वह खालिस्तान कमांडो फोर्स और बब्बर खालसा से जुड़ा था।
बताते चलें कि पिछले साल दिल्ली में एक खालिस्तानी उग्रवादी को गिरफ्तार किया गया था। उग्रवादी के खिलाफ पंजाब, दिल्ली, मध्य प्रदेश और राजस्थान में उग्रवाद, हत्या, डकैती और लूट के 75 से अधिक मामले दर्ज हैं। दिल्ली के महिपालपुर इलाके से खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ) के सदस्य 55 वर्षीय गुरसेवक सिंह उर्फ बाबला को गिरफ्तार किया गया था।
गुरसेवक के पास से गोलियों से भरी एक आधुनिक पिस्तौल भी बरामद की गई। गुरसेवक कई पुलिस अधिकारियों और मुखबिरों की हत्या कर चुका है। बैंक और पुलिस थानों में डकैती भी डाल चुका है। इसके अलावा पंजाब में 80 के दशक में चरमपंथ के दिनों में कई राज्यों में लूटपाट भी करता रहा है। चरमपंथी नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले का सहयोगी रह चुका है।