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नीली डाई बन रही लोगों के लिए डायन

नई दिल्ली
जीन्स में नीले रंग का प्रचलन सबसे अधिक रहता हैं। अब ये नीला रंग गरीब युवाओं की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने लगा है। उत्तरपूर्वी दिल्ली के शिव विहार इलाके में जीन्स डाई करने की बहुत—सी फैक्टरियां है। इन फैक्टरियों में रात—दिन नीली डाई होती है। गरीब लोगों को रोजगार देने में वरदान सिद्ध होने वाली ये फैक्टरियां कैमिकल युक्त नीली डाई के प्रयोग के कारण शिव विहार कॉलोनी निवासियों के लिए अभिशाप बनती जा रही है। यहां पिछले काफी समय से कैंसर के रोगियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
दिल्ली के सस्ते बाजारों में सप्लाई करने के लिए इन फैक्टरियों में सस्ती डाई का इस्तेमाल किया जाता है, जो कैंसरकारी होती है। जीन्सों की रंगाई का काम करते-करते यहां काम करने वाले युवाओं को लगातार कैंसर हो रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां कैंसर पेशंट्स की ज्यादा संख्या होने का कारण डेनिम डाई करने वाली इकइयों की बहुलता है। ये इकाइयां खतरनाक केमिकल्स का इस्तेमाल करती हैं।
शिव विहार इलाके के लोगों का नीले रंग से बचना असंभव-सा है। बांस के डंडों पर नीले रंग में डाई की गईं कई जीन्स सुखाई जाती हैं, हवा में डाई की तेज महक बसी रहती है। यहां के गटर और नालियों में नीला रंग ही दिखाई देता है।
एम्स में रेडियोथेरपी ऐंड ऑन्कॉलजी विभाग में प्रफेसर पीके जुल्का ने बताया, ‘कोलतार वाली डाई कैंसरकारी होती है।

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