हिसार।
चुनाव आयोग द्वारा पूरे देश की मतदाता सूचियों में एकरूपता लाने के लिए ईआरओ-नेट नामक नई तकनीक को लागू किया जा रहा है और देश में इसे लागू करने वाला हरियाणा पहला राज्य बनेगा।
यह बात चुनाव आयोग की मास्टर ट्रेनर, डिप्टी डीईओ व सीटीएम शालिनी चेतल ने आज जिला सभागार में मंडल स्तरीय प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए कही। प्रशिक्षण शिविर में हिसार, फतेहाबाद, सिरसा, भिवानी व जींद के निर्वाचक पंजीयन अधिकारी, डिप्टी डीईओ, इलेक्शन तहसीलदार, इलेक्शन नायब तहसीलदार, कानूनगो, सुपरवाइजर तथा जूनियर प्रोग्राम्र्स ने भागीदारी की। शिविर में सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी जगदीश चंद्र मेहता, हारट्रोन के एजीएम मुकेश बजाज तथा चुनाव आयोग के सोनल खरबंदा ने नई तकनीक के व्यावहारिक पहलुओं की जानकारी दी। विशेषज्ञों ने सभी अधिकारियों को मौके पर ही उनके मोबाइल पर नया वोट तैयार करने, शुद्धि करने और वोट काटने आदि का प्रशिक्षण दिया।
मास्टर ट्रेनर शालिनी चेतल ने बताया कि वर्तमान में देश के सभी राज्यों की अलग-अलग मतदाता सूचियां हैं और कई व्यक्तियों के नाम एक से अधिक राज्यों की सूचियों में शामिल हैं। निर्वाचन आयोग ईआरओ-नेट (इलेक्ट्रोल रोल ऑफिसर्स-नेटवर्क) तैयार करने जा रहा है। इसमें चुनाव से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों को ही नहीं, बल्कि मतदाताओं को भी काफी सुविधाएं मिलेंगी। नई तकनीक के लागू होने के बाद वोट बनवाने, कटवाने या विवरण में किसी प्रकार की शुद्धि के लिए नागरिक को बीएलओ या ईआरओ के पास नहीं जाना पड़ेगा बल्कि वह अपने मोबाइल या कंप्यूटर से ही सरल फार्म भरकर संबधित सेवा प्राप्त कर सकता है। उन्होंने बताया कि नई तकनीक को लागू करने के लिए हरियाणा में तेज गति से काम हो रहा है। हरियाणा में अन्य प्रदेशों के मुकाबले सर्वाधिक नागरिक सेवाएं ऑनलाइन की जा चुकी हैं जिनके कारण लोगों को पारदर्शी प्रशासन व त्वरित सेवाएं उपलब्ध हुई हैं। उन्होंने बताया कि ईआरओ-नेट लागू होने के बाद देश भर के रिटर्निंग अधिकारी तथा मतदाता सूचियां आपस में जुड़ जाएंगी तथा इनमें एक नाम की एक से अधिक प्रविष्टियों को हटाने का सरल प्रावधान उपलब्ध होगा। उन्होंने बताया कि नई तकनीक के बाद देशभर के सभी बीएलओ समान पद्धति पर काम करेंगे तथा उनका कार्य आसान हो जाएगा। इसमें 14 भाषाओं तथा 11 प्रकार की स्क्रिप्ट के विकल्प मौजूद होंगे।
श्रीमती चेतल ने बताया कि भविष्य में इंटरनेट की कनेक्टिविटी बढऩे के साथ-साथ चुनाव से जुड़े अधिकतर कार्य व सेवाएं ऑनलाइन हो जाएंगी। किसी व्यक्ति द्वारा किसी सेवा के लिए आवेदन करने के पश्चात उसकी प्रक्रिया पूरी होने तक उसे प्रत्येक चरण के मैसेज मोबाइल तथा ई-मेल पर मिलेंगे। कोई व्यक्ति घर बैठे मोबाइल अथवा कंप्यूटर पर अपना नाम, भाग संख्या, क्रमांक, पोलिंग स्टेशन का पता तथा संबंधित ईआरओ के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकता है। इसी प्रकार किसी व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात उसका नाम अपने आप मतदाता सूची से कट जाएगा। उन्होंने बताया कि नए एप्लीकेशन में ऑनलाइन व ऑफलाइन फार्म भरे जा सकेंगे तथा प्रत्येक भरे गए फार्म व दस्तावेज को स्कैन करके अपलोड किया जाएगा।
सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी जगदीश चंद्र मेहता, हारट्रोन के एजीएम मुकेश बजाज तथा चुनाव आयोग के सोनल खरबंदा ने भी ईआरओ-नेट के व्यावहारिक पहलुओं तथा इसे प्रयोग करने के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने अधिकारियों व कर्मचारियों के सवालों का जवाब देते हुए नई तकनीक के संबंध में उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया।
इस दौरान एसडीएम परमजीत चहल, बरवाला एसडीएम पृथ्वी सिंह, हांसी एसडीएम राजीव अहलावत, टोहाना एसडीएम सरजीत नैन, फतेहाबाद एसडीएम सतबीर सिंह जांगू, रतिया एसडीएम देवीलाल सिहाग, डॉ. किरण, रोडवेज जीएम केआर कौशल, डीआरओ राजेंद्र सिंह, डीआईओ एमपी कुलश्रेष्ठ, चुनाव तहसीलदार जयवीर सिवाच, चंद्रभान नागपाल, सुंदर सिंह, रामनिवास के अलावा सभी पांच जिलों के चुनाव कानूनगो, सुपरवाइजर तथा जूनियर प्रोग्राम्र्स भी उपस्थित थे।