नई दिल्ली,
उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग-उन ने गोपनीय रूप से चीन की यात्रा की है। किम जोंग उन की ओर से साल 2011 में सत्ता संभालने के बाद यह पहली विदेश यात्रा थी। किम के इस दौरे की जानकारी रखने वाले तीन स्रोतों का हवाला देते हुए, समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग ने बताया कि उत्तरी कोरियाई नेता रविवार और सोमवार को चीन की राजधानी में थे।
इसके पहले जापानी मीडिया में यह खबर आई थी कि दोनों देशों के बीच संबंधों की चर्चा के लिए रविवार को चीन में एक उच्च श्रेणी की उत्तर कोरियाई ‘विशेष ट्रेन’ पहुंची थी। हालांकि चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि उन्हें इस यात्रा की जानकारी नहीं है।
इसी तरह उत्तर कोरिया के दूतावासों के अधिकारी भी इस पर कुछ बोलने को तैयार नहीं है। जापानी समाचार एजेंसी क्योदो ने सूत्रों के हवाले से कहा कि कोरियाई उच्चाधिकारियों के दौरे का उद्देश्य दोनों देशों के बीच रिश्तों में सुधार करना है। उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम के दौरान उनके खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों पर चीन के समर्थन के चलते लंबे समय से दोनों देशों में तनावपूर्ण संबंध है।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे के रूप में देखते हुए उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम को सैन्य उकसाने वाली कार्रवाई बताया था।
वैसे परंपरागत तौर से देखें तो अलग-थलग उत्तर कोरिया का सबसे करीबी चीन ही रहा है। चीन उत्तर कोरिया का एकमात्र मित्र देश माना जाता है। माना जाता है कि सात साल पहले उत्तर कोरिया की सत्ता संभालने के बाद से किम जोंग उन अपने देश से बाहर नहीं निकले हैं।
सामान्य से अधिक थी सुरक्षा
समाचार एजेंसी के मुताबिक उत्तर कोरिया के दूतावास से लाइसेंस प्लेट के साथ एक कार सोमवार को बीजिंग में पीपल्स ग्रेट हॉल के पास देखी गई थी, जहां पर विदेशी गणमान्य व्यक्तियों की मेजबानी की जाती है। बीजिंग रेलवे स्टेशन के बाहर एक दुकान के मैनेजर का कहना है कि सोमवार शाम उन्होंने ‘असामान्य’ दृश्य देखे। बाहर, सड़क पर और स्टेशन के सामने बहुत सारे पुलिस अफ़सर थे। स्टेशन को अंदर से बंद कर दिया गया था।’
एक दक्षिण कोरियाई प्रवक्ता ने सोमवार को कहा था, ‘सरकार संबंधित देशों से संवाद कर रही है और स्थिति पर नज़र रखे हुए है।’ टोक्यो स्थित निपॉन न्यूज़ नेटवर्क ने हरे डिब्बों पर पीली धारियों वाली उस ट्रेन की तस्वीरें प्रसारित की हैं। चैनल का कहना है कि किम जोंग-उन के पिता और उत्तर कोरिया के नेता रहे किम जोंग-इल 2011 में जिस ट्रेन से बीजिंग पहुंचे थे, यह भी कुछ ऐसी ही दिखती थी।
एक थिंक टैंक में विदेशी मामलों के जानकार ने कहा कि इस तरह के दौरे का मतलब है कि चीन फिर से खेल में वापस आना चाहता है। अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यालय व्हाइट हाउस के प्रवक्ता राज शाह ने सोमवार को पत्रकारों से कहा, ‘हम इन खबरों की पुष्टि नहीं कर सकते। हम नहीं जानते कि यह सच है या नहीं।’
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक पुलिस ने बीजिंग के थ्येनआनमन चौक से भी पर्यटकों को भी हटा दिया था।
इसी महीने उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री की स्टॉकहोम में स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लॉफवेन से मुलाक़ात हुई थी। इससे पहले अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन के बीच मुलाक़ात के लिए सहमति की ख़बर आई थी। किम जोंग उन अपने दक्षिण कोरियाई समकक्ष मून जे-इन से अगले महीने मिलने वाले हैं।
https://youtu.be/vaoKNN8hUrY