चंडीगढ़,
पंजाब में अश्लील गानों की बाढ़ को रोकने के लिए सरकार ने एक आयोग का गठन किया गया है। अब अश्लील गाना गाने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। प्रसिद्ध साहित्यकार सुरजीत पातर को आयोग का चेयरमैन बनाया गया है। पंजाब सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त यह आयोग अश्लीलता और हिंसात्मक रुझान को बढ़ावा देने वाले गायकों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिशें करेगी। पंजाबी गानों में लगातार बढ़ रही फूहड़ता को देखते हुए राज्य में इस तरह के आयोग की दरकार काफी लंबे समय से महसूस की जा रही थी। यह मुद्दा कई मंचों पर लगातार उठाया जा रहा था, जिसे देखते हुए अब पंजाब सरकार ने इस पर बड़ा कदम उठाया है।
सांस्कृतिक मामले और पर्यटन मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने शनिवार को चंडीगढ़ में प्रसिद्ध पंजाबी भाषा के साहित्यकारों, बुद्धिजीवियों, कलाकारों और चिंतकों के साथ एक बैठक की जिसके बाद संवाददाता सम्मेलन में इस आयोग के गठन का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि पंजाब सभ्याचार आयोग बनाया जा रहा है ताकि पंजाबी गायकी में घुस आई अश्लीलता और फूहड़ता को पूरी तरह खत्म किया जा सके। उन्होंने बताया कि इस आयोग को पंजाब सरकार की तरफ से मान्यता हासिल होगी और यह आयोग कानून में दर्ज प्रावधानों अनुसार अश्लीलता और हिंसात्मक रुझान को बढ़ावा देने वाले गायकों के खिलाफ कानून अनुसार सख्त कार्यवाही की सिफारिशें करेगी।
सिद्धू ने बताया कि आयोग अश्लील और हिंसा को बढ़ावा देने वाले गायकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर सकेगी। पहले ऐसे गायकों को बुला कर समझाया जाएगा और अगर वे नहीं मानते हैं तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने का विकल्प भी खुला होगा। उन्होंने बताया कि आईपीसी की धारा 290, 294 और आईटी एक्ट 2000 की धारा 67 और 67 ए में इससे संबंधित कार्रवाई के लिए योग्य प्रावधान मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि सरकार युवाओं और आम लोगों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और पंजाब की स्मृद्ध संस्कृति पर किसी तरह की आंच नहीं आने देगी।
सिद्धू ने कहा कि मौजूदा समय में उठाए जा रहे उचित कदम यह यकीनी बनाऐंगे कि आम लोग साफ सुथरे गीत अपने परिवारिक सदस्यों के साथ बैठ कर सुन सकें। उन्होंने यह भी कहा कि आयोग के बाकी सदस्यों के नाम प्रस्तावित करने के अधिकार पंजाब कला परिषद के चेयरमैन पद्मश्री डॉ. सुरजीत पातर को सौंपा गया है। डॉ. सुरजीत पातर ही इस आयोग के भी चेयरमैन होंगे। उन्होंने बताया कि आयोग अपनी रिपोर्ट 2 सप्ताह में देगा और यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के पास भेजी जाएगी।