नई दिल्ली,
जम्मू-कश्मीर के कठुआ में सामूहिक बलात्कार और बाद में मारी गई आठ वर्षीय बच्ची की पहचान उजागर करने पर शुक्रवार (13 अप्रैल) को दिल्ली उच्च न्यायालय ने मीडिया हाउसों को लताड़ लगायी। उच्च न्यायालय ने कठुआ बलात्कार पीड़िता की पहचान उजागर करने वाले मीडिया हाउसों को नोटिस जारी कर पूछा कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जाए। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रिपोर्टों में पीड़िता की पहचान जाहिर किये जाने पर उच्च न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लिया है।
इस साल 10 जनवरी को जम्मू के कठुआ जिले में हीरानगर तहसील के गांव में पीड़ित बच्ची का अपहरण होने के बाद 17 जनवरी को झाड़ियों में उसका शव मिला था। जनवरी में बच्ची का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या करने के मामले में मुख्य आरोपी सांजी राम समेत आठ लोगों का आरोपी बनाया गया है।
जांच में पता चला है कि बच्ची को अगवा कर एक मंदिर में रखा गया था। उसे नशीली दवा पिलाकर उसके साथ बार-बार दुष्कर्म किया गया। बाद में उसकी हत्या कर लाश जंगल में फैंक दी गई। सांजी राम पर प्रमुख साक्ष्य मिटाने के लिए एक सब इंस्पेक्टर और सिपाही समेत स्थानीय पुलिस को रिश्वत देने का भी आरोप है।