फतेहाबाद हरियाणा

3 सालों तक कागजों में दौड़कर लाखों का तेल पी गई डीसी की इनेवा कार, भ्रष्टाचार ने खूब दौड़ाई डीसी की कार

फतेहबाद (साहिल रुखाया)


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हरियाणा प्रदेश की मनोहर सरकार सिस्टम को भ्रष्टाचार मुक्त करने के दावे करती नहीं थकती, उसी सरकार के सिस्टम को सरकार के ही अधिकारियों ने भ्रष्टाचार से खोखला कर दिया है। ताजा मामला फतेहाबाद की जिला आईटी सोसाइटी का है। जिला आईटी सोसाइटी (डीआईटीएस) का काम जिले के बीपीएल परिवारों और पंचायतों को डिजीटल साक्षर करने का था, लेकिन वो अपने भारी-भरकम फंड को ‘इधर-उधर एडजस्ट करने में ही लगी रही। आरटीआई कार्यकर्ता एडवोकेट सुशील बिश्नोई द्वारा मांगी गई जिला आईटी सोसाइटी की पिछले तीन साल की आडिट रिपोर्ट में तो यही खुलासा हुआ है।

आडिट रिपोर्ट के कागजों की मानें तो फतेहाबाद जिले में तीन वित्त वर्ष 2014-15, 2015-16 और 2016-17 तक जितने भी डीसी आए, वो लगातार तीन सालों तक सरकार गाड़ी के अलावा इनेवा में भी सफर करते रहे। सरकारी गाड़ी होने के बाद भी इनोवा गाड़ी को दौड़ाना पूरे मामले को संदेह के घेरे में लेकर आता है। हां, ये बात अलग है कि जिले के किसी भी डीसी को स्थानीय लोगों या अधिकारियों ने इनोवा गाड़ी में निरीक्षण आदि पर जाते नहीं देखा। एडवोकेट सुशील बिश्नोई का कहना है कि इसका सीधा सा मतलब है कि उनके लिए डीआईटीएस की इनोवा गाड़ी कागजों में ही दौड़ती रही और तीन साल में डीजल बिल की आड़ में 7 लाख को ठिकाने लगा दिया गया।

हैरानी तो इस बात की भी है कि पिछले तीन साल में लगातार वित्तीय अनियमितताएं सामने आने के बावजूद इस गड़बड़ झाले को रोकने की किसी ने प्रयास तक नहीं किया। और तो और आडिट रिपोर्ट में भी इन अनियमितताओं को अनदेखा किया जाता रहा। पिछले तीन साल की आडिट रिपोर्ट में जो सामने आया है इसकी जानकारी देते हुए आरटीआई कार्यकर्ता एडवोकेट सुशील बिश्नोई ने बताया कि वित्त वर्ष 2014 से लेकर 2017 तक डीसी की इनोवा गाड़ी पर सात लाख का डीजल एवं रिपेयरिंग खर्च आया है। दूसरी और हैरानी की बात तो ये है कि पिछले एक साल में जिला आईटी सोसाइटी ने एक भी पंचायत को डिजिटल साक्षर करने के लिए एक कैंप तक नहीं लगाया।

जानकारी के अनुसार फतेहाबाद जिले में दो-तीन अलग-अलग जिला उपायुक्त कार्यरत रहे लेकिन पूर्व डीसी एनके सोलंकी ही इन तीन सालों में अधिकतर समय फतेहाबाद के उपायुक्त पद पर रहे। मीडिया ने जब पूर्व डीसी सोलंकी से इस संदर्भ में बात करने का प्रयास किया तो उन्होंने इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने से साफ इंकार कर दिया और फोन काट दिया। हालांकि मीडिया के पास जिला आईटी सोसाइटी के पिछले तीन साल के आडिट रिपोर्ट की एक प्रति भी है। ये इनोवा गाड़ी फिलहाल डीसी फतेहाबाद के निवास पर बने गैराज में बंद शटर के पार खड़ी है।

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