गुरुग्राम,
नागरिक अस्पताल में टॉयलेट में एक 5 महीने की गर्भवती ने बच्चे को जन्म दिया। डाक्टरों की लापरवाही के चलते बच्चे को जन्म देने के बाद खुन से सनी महिला उपचार के लिए कुर्सी पर बैठकर इंतजार करती रही। बच्चे की मौत की खबर सुनने के बाद अस्पताल प्रशासन में हडकंप मचा और आनन—फानन में महिला को भर्ती करके उपचार आरंभ किया गया।
जानकारी के मुताबिक, शांति नगर इलाके में रहने वाले गोविंद की पत्नी सुनीता पिछले 5 महीने से गर्भवती थी। सुनीता के पेट में दर्द हुआ तो गोविंद अपनी मां के साथ उसे इलाज के लिए नागरिक अस्पताल लेकर आया। यहां आने पर डॉक्टर उसका इलाज करने की बजाय उसे एक घंटे चक्कर कटवाते रहे। सबसे पहले डॉक्टरों ने ओपीडी कार्ड पर आज की डेट डलवाने के लिए कहा। महिला के पति अौर उसकी सास ने विनती की लेकिन डॉक्टरों ने एक न सुनी। एक से डेढ़ घंटे बाद महिला की ओपीडी कार्ड पर डेट डली। उसके बाद महिला टॉयलेट गई उसी दौरान उसने बच्चे को जन्म दे दिया। टॉयलेट में अंधेरा होने के कारण उसे बच्चे की जानकारी नहीं हुई।
खून से सनी महिला अपनी सास के साथ डॉक्टर के पास पहुंची। खून देखने के बाद भी डॉक्टर ने महिला का इलाज नहीं किया। जब थोड़ी देर बाद सफाई कर्मचारी की नजर टॉयलेट के फर्श पर पड़े बच्चे पर गई तो उसने इसकी सूचना अस्पताल प्रबंधन को दी इससे हड़कंप मच गया। इसकी सूचना मिलने पर बच्चे के परिजन भी मौके पर पहुंचे।
अस्पताल के उच्च अधिकारियों के दखल अंदाजी के बाद महिला को अस्पताल में भर्ती किया गया है। इस घटना ने प्रदेश के नागरिक अस्पतालों की पोल खोलकर रख दी है।