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सावधन! इस कारण होती है रोजाना 9 मौतें

नई दिल्ली
स्पीड ब्रेकर के कारण अकसर दुर्घटनाएं होती रहती है। आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो पता चलता है कि स्पीड ब्रेकर जितनी जानें बचाते नहीं है संभवत: उससे कहीं अधिक जानें ले लेते हैं। रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री के आंकड़ों से पता चला है कि स्पीड के कारण दुर्घटनाओं से बचाने के लिए बनाए गए स्पीड ब्रेकरों के कारण रोज 30 दुर्घटनाएं होती हैं और करीब नौ लोगों की रोजना मौत हो जाती है। यह दो सालों का औसत है। केंद्र सरकार ने 2014 से स्पीड ब्रेकर के कारण होने वाले हादसों का डेटा इकट्ठा करना शुरू किया था। बीते साल का डेटा अभी सरकार को जारी करना है, लेकिन सरकारी सूत्रों का कहना है कि आकंड़ा लगभग बराबर ही होगा।
केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने माना, ‘यह समस्या पूरे देश में है। हमारे यहां हर रोड पर स्पीड ब्रेकर हैं, जो कि आपकी हड्डियां तोड़ सकते हैं और आपके वाहन को क्षतिग्रस्त कर सकते हैं।’ उन्होंने बताया कि वह राज्य सरकारों के लिखेंगे कि वे सुनिश्चित करें कि स्पीड ब्रेकर बनाते समय नियमों का पालन हो।
असल में खराब डिजाइन वाले स्पीड ब्रेकर बड़ी समस्या हैं। स्पीड ब्रेकर के स्थान पर रबड़ की पट्टियां या फिर पांच मिलीमीटर थर्मोप्लास्टिक लेयर्स का इस्तेमाल किया जा सकता है। लोगों को लगता है कि सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए स्पीड ब्रेकर ही एकमात्र समाधान है। ऐसे कई उदाहरण हैं जब किसी बड़ी दुर्घटना के बाद लोगों ने तुरंत स्पीड ब्रेकर बनाने की मांग की है और लोकल इंजिनियर तुरंत बना देते हैं।

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Jeewan Aadhar Editor Desk