चंडीगढ़,
प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में रहने वाले बेघर लोगों का सपना जल्द ही पूरा होने को है। राज्य सरकार ने 14 शहरों में किफायती मकान बनाने के लिए 86 बिल्डरों को लाइसेंस दे दिए हैैं। नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के सहयोग से करीब 508 एकड़ जमीन पर करीब 68 हजार मकान बनाए जाएंगे। राज्य सरकार का लक्ष्य करीब सवा दो लाख बेघर लोगों को छत मुहैया कराने का है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वर्ष 2022 तक सबके सिर पर छत के सपने को पूरा करने की प्रक्रिया मनोहर सरकार धीरे-धीरे पूरा कर रही है। शहरी क्षेत्र में पात्र लोगों के सर्वे का काम पूरा किया जा चुका है। लाभार्थियों की सूची मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजी जा चुकी है। वहां से बजट का आवंटन होने के बाद यह सूची सार्वजनिक की जाएगी।
प्रदेश सरकार पुराने शहरों के कोर एरिया में भी किफायती आवास बनाने की नीति को मंजूर कर चुकी है। इसके तहत प्रदेश को चार जोन में बांटा गया है। इसमें गुरुग्राम को हाईपर पोटेंशियल जोन में, फरीदाबाद, सोनीपत, पानीपत, पंचकूला व सोहना को हाई पोटेंशियल जोन, करनाल, हिसार, यमुनानगर, रोहतक, बहादुरगढ़, बावल, रेवाड़ी, पलवल, होडल, धारूहेडा व गन्नौर को मीडियम पोटेंशियल जोन में और बाकी शहरी क्षेत्रों को लो पोटेंशियल जोन में रखा गया है। झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों को भी निजी-सार्वजनिक भागीदारी से आवासीय कालोनी बनाकर देने की नीति तैयार हो चुकी है।