हिसार,
हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ ने निकटवर्ती गांव गोरछी निवासी हवलदार भागीरथ के आवास पर जाकर उनके परिजनों से मुलाकात करके उन्हें सांत्वना दी। रोडवेज नेताओं ने सरकार से मांग की कि ड्यूटी के दौरान अपराधियों की गोली का शिकार हुए हवलदार भागीरथ को शहीद का दर्जा दिया जाए और उसके आश्रितों को उचित सहायता राशि दी जाए।
संगठन के प्रदेशाध्यक्ष दलबीर किरमारा एवं अन्य नेताओं ने गोरछी गांव जाकर हवलदार भागीरथ के परिजनों से मुलाकात करके उन्हें सांत्वना दी। पिछले दिनों सिवानी अदालत परिसर में हमलावरों ने भागीरथ पर गोली चला दी थी, जिससे भागीरथ की मौके पर ही मौत हो गई थी। दलबीर किरमारा ने कहा कि हवलदार भागीरथ ने पुलिस सेवा में रहते हुए अपने कर्तव्य के आगे जीवन का बलिदान कर दिया। ऐसे शूरवीर व बहादुर सिपाही को हम कभी भूल नहीं पाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को चाहिए कि वह शूरवीर भागीरथ को शहीद का दर्जा व उसके आश्रितों को उचित उचित सहायता राशि दें ताकि उनका भरण-पोषण सही ढंग से हो सके। उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मचारी आज हर समय तनाव व भय के माहौल में ड्यूटी करने को मजबूर है। आमतौर पर जब कोई काम समय पर नहीं होता तो हम पुलिस को कोसने तो लगते हैं लेकिन पुलिस कर्मी की मजबूरी, ड्यूटी के घंटों व राजनीतिक दबाव की तरफ ध्यान नहीं करते। यदि कोई पुलिस कर्मी सही काम करने का प्रयास भी करता है तो उसके ऊपर इतना राजनीतिक व अधिकारिक दबाव डाल दिया जाता है कि वह चाहकर भी सही काम नहीं कर पाता।
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दलबीर किरमारा ने कहा कि पुलिस कर्मियों की तरह रोडवेज कर्मी भी हर समय तनाव व दबाव में ड्यूटी करने को मजबूर है। रोडवेज कर्मचारियों को अपने छोटे-छोटे हकों के लिए तथा विभाग को बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है जबकि सरकार को उसके हक बिना मांगे देने चाहिए। रोडवेज व पुलिस कर्मियों की एक जैसी ड्यूटी को देखते हुए रोडवेज संगठन पिछले लंबे समय दोनों संगठनों के मध्य तालमेल का अभियान चलाए हुए है और इसमें संगठन को काफी कामयाबी मिली है। पुलिस व रोडवेज कर्मी आपस में जनता के लिए ही काम करते हैं तो किसी भी मुद्दे पर उनके आपसी टकराव नहीं होना चाहिए। उन्होंने इस दौरान भागीरथ के परिजनों से मुलाकात करते हुए बताया कि हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ भी मुख्यमंत्री व पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर हवलदार भागीरथ को शहीद का दर्जा देने की मांग करेगा। इस दौरान उनके साथ रमेश सैनी, रामसिंह बिश्नोई, कुलदीप पाबड़ा, धर्मपाल बूरा, सुभाष ढिल्लो, अरूण शर्मा एवं अन्य भी थे।