बेंगलुरु,
15 मई को आने वाले कर्नाटक चुनाव के नतीजों को लेकर सट्टा बाजार में हलचल बढ़ी हुई है। सटोरिये भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की जीत पर बड़ा दांव लगा रहे हैं। हालांकि, उनका मानना है कि राज्य में सरकार बनाने के लिए बीजेपी को तीसरे दल (जेडीएस) की मदद लेनी होगी।
कर्नाटक विधानसभा की 222 सीटों पर शनिवार को वोट डाले गए। वोटिंग के बाद आए सभी एग्जिट पोल्स में त्रिशंकु विधानसभा का दावा किया गया है और इसमें बीजेपी के सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने की बात कही गई है। बुकीज संभावना जता रहे हैं कि बीजेपी 96-98 सीट जीतेगी, जबकि कांग्रेस को 85-87 सीटों पर जीत मिल सकती है। सट्टा बाजार की भाषा में इसका मतलब है कि मार्केट में बिड प्राइस 96 या 85 है, जबकि लगाई जाने वाली कीमत 98 या 87 है।
यूं लगते हैं सट्टा बाजार में पैसे
एक-पे-एक ट्रेड के मुताबिक, अगर आप बीजेपी पर 1 लाख रुपये का दांव लगाते हैं और पार्टी 98 या इससे ज्यादा सीटें हासिल करती है, तो आपको 2 लाख रुपये मिलेंगे। राजस्थान के कृष्णन गोपाल सट्टा बाजार में किस्मत आजमाते रहते हैं। उन्होंने बताया, ‘मार्केट बीजेपी पर ज्यादा पैसे लगा रहा है। पिछले शुक्रवार को प्रचार अभियान समाप्त होते ही सटोरियों की जोखिम लेने में दिलचस्पी बढ़ गई।’ गोपाल ने कहा कि सटोरियों को भरोसा है कि राज्य में बीजेपी सरकार बना लेगी। हालांकि, इसके लिए उसे किसी तीसरी पार्टी का सहयोग लेना होगा। पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा की अगुवाई वाली जेडीएस 32-35 सीटों के साथ किंगमेकर की भूमिका निभा सकती है।
अगर आप 224 विधानसभा सीटों वाले कर्नाटक में 125 सीटों वाले सेगमेंट पर दांव लगाते हैं, तो अनुमान सही होने पर 5 लाख रुपये तक जीत सकते हैं। हालांकि, एग्जिट पोल के अनुमान के बाद यह घटकर 3 लाख रुपये रह गया। सट्टा बाजार में बीजेपी के लिए 100 या 110 सीटों के मुकाबले पर हर रुपये के लिए 1.1 रुपये या 2 रुपये के दूसरे रेट्स भी शामिल हैं। भारत में सट्टेबाजी गैरकानूनी है। यहां यह एक अनौपचारिक मार्केट है, जो किसी बड़े राजनीतिक या स्पोर्ट्स इवेंट पर ऐक्टिव हो जाता है।