हरियाणा

अदमपुर में पहली बार खिला कमल और हजारों लोगों को मिले करोड़ों रुपये

आदमपुर,
आदमपुर विधानसभा में पूर्व सीएम चौधरी भजनलाल के पोत्र भव्य बिश्नोई के जीत के साथ एक तरफ हलके में पहली बार कमल खिला वहीं आदमपुर के हजारों लोगों के घर लक्ष्मी का आवागमन भी हो गया। जी हां, 6 नवम्बर आदमपुर के लोगों के लिए दिवाली ही साबित हो गया। 26 साल का बनवास समाप्त होने के साथ—साथ यहां के लोगों की तिजोरियों में मां लक्ष्मी की कृपा बरसी। दरअसल, यहां बात हो रही है आदमपुर विधानसभा सीट पर लगी शर्तों और सट्टे की। आदमपुर में तीन शर्तें काफी बड़े स्तर पर देखने को मिली। पहली शर्त भाजपा की जीत की थी। दूसरी शर्त भाजपा की जीत 10 हजार से कम वोटों पर थी और तीसरी शर्त भाजपा प्रत्याशी भव्य बिश्नोई की जीत 15 हजार वोटों से ज्यादा पर थी। यही दांवा सट्टा बाजार पर चल रहा था।

कुलदीप बिश्नोई समर्थकों की बल्ले—बल्ले
इस उपचुनाव ने कुलदीप बिश्नोई के समर्थकों के चेहरे पर खुशी ला दी। आदमपुर में कुलदीप बिश्नोई के हजारों समर्थकों ने भव्य बिश्नोई की जीत के साथ ही अपना दांव 15 हजार से ज्यादा वोटों से जीत पर लगा रखा था। जैसे ही मतगणना के आठ रांउड पूरे हुए यहां पर आतिशबाजी चलने लगी। रंग—गुलाल हवा में उड़ने लगे। डीजे बजने लगे। इसका मुख्य कारण था आदमपुर का 26 साल का बनवास खत्म होने के साथ—साथ धन का आवागमन होना। कुलदीप बिश्नोई समर्थक अपनी शर्तों को जीत चुके थे। चुनाव परिणाम उनकी अनुसार आने के कारण शर्त और सट्टा बाजार से उनको करोड़ों रुपयों का लाभ हुआ। आदमपुर में शायद ही ऐसी कोई गली शेष बची जहां बड़ी शर्तें इस चुनाव को लेकर ना लगी हो। यहीं कारण है कि यहां जीत के साथ लोगों की अच्छी कमाई भी हुई।

कांग्रेस समर्थकों को भी नहीं हुआ ज्यादा नुकसान
वहीं कांग्रेस के समर्थकों ने हार—जीत 10 हजार वोटों से नीचे रहने पर अपनी बाजी लगा रखी थी। कांग्रेस समर्थक 5वें राउंड में ही मायूस हो गए थे। लेकिन इसके बाद उनको उम्मीद थी की छठे राउंड के बाद भव्य बिश्नोई की लीड घटती जाएगी और वे अपनी शर्तों का आसानी से जीत लेंगे। छठे राउंड के बाद न केवल जीत का फांसला बढ़ता गया बल्कि 15 हजार को क्रॉस कर गया। नौंवे राउंड के बाद तो कांग्रेस समर्थकों ने हार स्वीकार कर ली। लेकिन यहां चौकान्ने वाली बात यह थी कि अधिकतर कांग्रेस समर्थकों ने हार—जीत का फांसला अवश्य 10 हजार वोट से नीचे रहने का लगा रखा था, लेकिन जीत की शर्त उन्होंने भी भाजपा के पक्ष में लगा रखी थी। इसके चलते एक तरफ से उनका पैसा गया तो दूसरी तरफ से वापिस भी आ गया।

बाहरी लोगों ने जमकर लगाई शर्तें
आदमपुर उपचुनाव में रोजाना 200 से 300 लोग केवल यहां वोटो का आंकलन करके शर्ते व सट्टा लगाने के लिए आ रहे थे। सिरसा जिले से काफी लोगों ने यहां के चुनाव पर काफी फोकस कर रखा था। बताया जा रहा है कि उन्होंने यहां पर बहुत बड़ा गेम किया और काफी पैसा शर्तों व सट्टा में लगाया। बाहर से आने वाले अधिकतर लोगों को यहां पर पैसा गंवाना ही पड़ा है। वे आदमपुर के चुनाव का भूगोल ढ़ंग से समझ नहीं पाए और यहां पैसा गंवाकर ही वापिस लौटे। आदमपुर उपुचनाव में मुख्य रुप से नोहर, भिवानी, जयपुर, दिल्ली और मुंबई के सटोरिये सक्रिय दिखाई दिए दे रहे थे। कुल मिलाकर देखा जाएं तो आदमपुर के लोगों के लिए यह उपचुनाव हर लिहाज काफी श्रेयकर रहा।

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