जींद हरियाणा

बिन ब्याही नाबालिगा बनी सिजेरियन मां..मामले की जांच हुई आरंभ

जींद,
जिले के नागरिक अस्पताल में एक बिन ब्याही नाबालिगा मां बनी। मामला दो सप्ताह पहले का है लेकिन इसकी किसी को कानोंकान खबर नहीं लगने दी गई। जानकारी के अनुसार 16 मई को जींद के नागरिक अस्पताल में एक बिन ब्याही नाबालिगा प्रसव पीड़ा में पहुंची। बताया जा रहा है उसके साथ एक युवक भी था।
नागरिक अस्पताल के प्रसूति वार्ड में महिला चिकित्सक ने इस बिन ब्याही नाबालिगा जांच की और उन्हें लगा कि इस गर्भवती बिन ब्याही नाबालिगा का सिजेरियन (आप्रेशन से डिलीवरी करवाना) नहीं किया गया तो मां और बच्चे की जिंदगी को खतरा पैदा हो जाएगा। बिन ब्याही मां के गर्भ में पल रहे बच्चे की जांच की गई तो बच्चे का प्लस रेट बहुत कम था।
उसे तुरंत गर्भ से बाहर निकालना जरूरी था। इसके लिए आप्रेशन करने का फैसला हुआ। सिजेरियन से मां और बेटे की जिंदगी तो बचा ली गई। लेकिन इस मामले को पूरी तरह से गोपनीय बनाई रखी गई। इसकी सूचना पुलिस या उच्चाधिकारियों को भी नहीं दी गई।
स्वास्थ्य विभाग ने शुरू की जांच
12 दिन बाद कार्यवाहक सिविल सर्जन डा. पालेराम ने अस्पताल के प्रसूति वार्ड के रिकार्ड को तलब किया है। इसमें भी इस बात की पुष्टि हुई है कि अस्पताल में 16 मई को एक नाबालिगा का सिजेरियन हुआ। डा. पालेराम ने कहा कि इस तरह सिजेरियन की सूचना पुलिस और प्रशासन तथा सिविल अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दी जानी चाहिए थी। मामले में विभागीय जांच होगी।
एसएसपी ने कहा- मामले की हो रही जांच
एस.एस.पी. डा.अरुण सिंह ने बताया कि मामले में जांच शुरू की है। कायदे से इस तरह किसी बिन ब्याही नाबालिगा की डिलीवरी करवाने से पहले या इसके तुरंत बाद सूचना डी.सी., एस.एस.पी. और सिविल सर्जन को दी जानी चाहिए थी। इस मामले में ऐसा नहीं हुआ है। यह जांच का विषय है और स्वास्थ्य विभाग को इसकी अलग से जांच करनी चाहिए।

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