चंडीगढ़,
2022 में किसानों की आय दोगुनी करने के केन्द्र सरकार के दावों को आज पेश किए गए बजट के दौरान वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु दोहरा तो गए, मगर हरियाणा में आज जो हालत किसानों की है, उससे उनका यह दावा खोखला ही नजर आता है, क्योंकि पिछले साढ़े वर्षों के दौरान खट्टर सरकार ने किसानों को बर्बाद करने वाली नीतियां थोपी हैं। इस बजट में भी किसानों को घोर निराशा मिली है। किसानों की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने, प्राकृतिक आपदा से खराब हुई फसलों का मुआवजा तथा खाद, बीज समय पर दिए जाने की व्यवस्था करने बारे इस बजट में कोई भी ठोस प्रावधान नहीं सुझाया गया है। यह बात वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं विधायक कुलदीप बिश्नोई ने वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु द्वारा आज पेश किए गए बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही।
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उन्होंने कहा कि हिसार में नहरी सिंचाई पानी को लेकर किसान लंबे समय से आंदोलनरत हैं। एसवाईएल के लिए 100 करोड़ का प्रावधान का दावा तो बजट में किया गया है, मगर राज्य की नहरों, रजबाहों, डिस्ट्रिब्यूटरी, डिग्गियों की जर्जर हालत सुधारने की भी ठोस परियोजना नहीं सुझाई गई। जीडीपी व प्रति व्यक्ति आय बढऩे का प्रदेश सरकार का दावा भी पूरी तरह से खोखला है, क्योंकि नोटबंदी, जीएसटी एवं सरकारी उपेक्षा के कारण राज्य में पढ़े लिखे बेरोजगार युवाओं की फौज बढ़ी है तथा अनेक उद्योग, धंधे, छोटे कारखाने भी बंद हो गए हैं। कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि राज्य की बदहाल शिक्षा प्रणाली एवं बीमार चिकित्सा व्यवस्था को सुधारने के प्रति भी बजट में गंभीरता नहीं दिखाई गई। खोखले दावों से प्रदेश की जनता का भला होने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य के किसान, व्यापारी, कर्मचारी, युवाओं, महिलाओं, मजदूर से लेकर हर वर्ग के लिए यह बजट निराशाजनक है तथा आंकड़ों की बाजीगरी से सरकार ने अपनी पीठ थपथपाने के सिवाय बजट में राज्य के चहुंमुखी के प्रति कोई भी सोच नहीं दिखाई।