हिसार

सामाजिक बहिष्कार से तंग व सरकार से निराश भाटला के दलित गांव से करेंगे पलायन

हिसार/हांसी,
भाटला के दलितों ने गांव में उनके खिलाफ चल रहे सामाजिक बहिष्कार के चलते रविवार को लघु सचिवालय हांसी में इकट्ठा होकर बैठक की व सरकार विरोधी नारे लगाए। भाटला के दलितों ने एक आवाज में कहा कि सरकार उनको दबाने का प्रयास कर रही है तथा गांव में सामाजिक बहिष्कार के आरोपी स्वर्ण लोगों को बचाने का प्रयास कर रही है।

गांव के दलितों ने सामाजिक बहिष्कार खत्म होने व इसके जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई न होने की सूरत में गांव से पलायन की बात कही। लघु सचिवालय में बैठक को संबोधित करते हुए भाटला दलित संघर्ष समिति के प्रधान बलवान सिंह ने कहा कि गांव में पिछले साल जुलाई से लेकर आज तक सामाजिक बहिष्कार जारी है तथा इसके लिए हांसी जिला पुलिस के उच्च अधिकारी व गांव की तथाकथित भाईचारा कमेटी जिम्मेवार है।

इनको हरियाणा सरकार के कैबिनेट मंत्री कैप्टन अभिमन्यु का सीधा संरक्षण प्राप्त है। गांव के पीड़ित दलित राजकुमार ने कहा कि गांव में अभी भी सामाजिक बहिष्कार जारी है तथा सामाजिक बहिष्कार के चलते उन्हें अपने पशु बेचने पड़े हैं तथा गांव में उन्हें रोजगार नहीं दिया जा रहा है। उनके पशुओं को चरने के लिए चारा नहीं है तथा रोजाना का सामान लेने हांसी या बरवाला का रुख करना पड़ता है। यहां तक कि गांव की दलित बस्ती में पिछले 3 महीनों से बिजली व पानी की सप्लाई सामाजिक बहिष्कार के चलते बाधित की जा रही है।

हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले अजय भाटला ने बताया कि शनिवार को माननीय पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश पर जो कोर्ट कमिश्नर गांव में सामाजिक बहिष्कार के बारे में रिपोर्ट तैयार करने आए थे, उनको पुलिस के उच्चाधिकारियों व भाईचारा कमेटी के लोगो ने दलितों के खिलाफ पहले से ही पूर्वाग्रह से ग्रसित कर दिया था। अजय ने कहा कि कोर्ट कमिश्नर ने दलितों की चौपाल में दलितों के बयान लेने के दौरान दलितों द्वारा परोसे गए पानी को हाथ तक नहीं लगाया तथा भाई चारा कमेटी के लोग ही उनके लिए पानी लेकर आये।

उन्होंने कहा कि दलितों के कमजोर लोगों को भाईचारा कमेटी के सदस्य जबरदस्ती गांव के स्कूल में ले जाकर कोर्ट कमिश्नर के सामने उनके बयान दर्ज कराए गए। उन्होंने कहा कि जो दलित सामाजिक बहिष्कार के बारे में बयान देना चाहते थे, कोर्ट कमिश्नर ने उनके जानबूझकर बयान दर्ज नही किए तथा इस बात पर दबाब दिया कि समझौता हो गया है—यह बयान दो ,जबकि गांव में अभी भी सामाजिक बहिष्कार जारी है तथा गांव में दोनों समुदायों के बीच सामाजिक बहिष्कार के चलते तनाव का माहौल है।

उन्होंने कहा कि गांव के सभी दलित कोर्ट कमिश्नर के कंडक्ट के बारे में अपने अपने शपथ पत्र माननीय पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट की बेंच के समक्ष पेश करेंगे। अजय ने कहा कि थाना सदर के प्रभारी उमेद सिंह ने दलित बस्ती में दलितों को धमकाने का काम किया व जबरदस्ती समझौते के बयान देने को कहा। इसकी शिकायत हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान की जाएगी।

गांव के दलित एक्टिविस्ट जयभगवान भाटला ने कहा कि गांव के दलित लोग सामाजिक बहिष्कार के चलते बेहद परेशान हो चुके हैं तथा पुलिस व प्रशासन भी आरोपियों की मदद में लगा हुआ है अब उनके पास कोई चारा नहीं बचा है। अब आने वाले समय में दलित समाज के परिवार मजबूरीवश सामाजिक बहिष्कार के चलते गांव से पलायन करने का काम करेंगे। गौरतलब है कि पिछले दिनों दलितों ने हिसार लघु सचिवालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके हिंदू धर्म छोड़ने व बौद्ध धर्म अपनाने की चेतावनी भी दी थी।

जीवन आधार पत्रिका यानि एक जगह सभी जानकारी..व्यक्तिगत विकास के साथ—साथ पारिवारिक सुरक्षा गारंटी और मासिक आमदनी और नौकरी भी..अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करे।

Related posts

सड़क सुरक्षा स्लोगन प्रतियोगिता में हेमलता ने मारी बाजी

हिसार : देर रात न्यू ऋषि नगर में चली गोलियां, युवक की हत्या

पानी की किल्लत से क्षेत्र की जमीन बंजर होने के कगार पर: गंगवा