फतेहाबाद

सुनील धीमान : जिसके हाथ और उंगलियों से मिट्टी बन जाती है सोना

टोहाना (नवल सिंह)
लगभग 35 वर्ष पूर्व नरवाना के गांव लोन से आकर रामनगर में बसे हस्तकलाकार सुनील धीमान अपने पिता के नक्शे कदमों पर चलते हुए अपना कला का लोहा देश के हर कोने में मनवा चुके है। जिससे शहर के राम नगर का नाम इस कलाकार की बदौलत देश के हर राज्य में रोशन हो रहा है। यह कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए अलग-अलग जगहों पर जाते है।

एक कार्यक्रम के दौरान सीएम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्टैच्यू भेंट करने वाले सुनील धीमान की कला के सीएम भी दीवाने हो गए तथा उन्हें इस कार्य के लिए शुभकामनांए दी तथा प्रदेश का नाम देश भर में पंहुचाने के लिए बधाई दी। सुनील धीमान ने आरएसएस प्रमुख डा. हेडगेवार, महानायक अमिताभ बच्चन के पिता कविराज हरिवंश राय बच्चन की सुंदर मूर्ति बनाई है। सुनील ने कहा कि सरकार को प्रदेश से बाहर मूर्तियों के भेजने को टैक्स फ्री करना चाहिए ताकि कला को बढावा मिले तथा टोहाना में एक म्यूजियम जरूर बनाया जाए।

सुनील धीमान के अनुसार वे हर साल दिसंबर से जनवरी के माह में गोवा में अपनी कला का प्रदर्शन करने जाते हैं। जहां वे गोवा के समुंदर किनारे स्थित बीच पर वे जलपरी, वास्कोडीगामा, समुद्री जीव-जंतुओं सहित प्रकृति की कई सुंदर-सुंदर आकृतियां तैयार करते हैं। वहां सैलानियों को हर वर्ष समुद्री जलपरी सबसे अधिक पसंदीदा आकृति के रूप में दिलों को भाती है। उन्होंने बताया कि वे जून जुलाई माह में ग्लेशियर की यात्रा पर निकल जाता है जहां भारी मात्रा में बर्फ मिलती है वहां पर ये सैलानियों को आश्चर्यचकित करने के लिए बर्फ से स्नो मैन, महात्मा बुद्ध, देश के प्रसिद्ध व्यक्तियों, बर्फ पर रहने वाले जीव-जंतुओं सहित स्विंग करने वाले सैलानियों की भी सुंदर आकृतियां बनाकर वाहवाही लूटता है।

मूर्तिकार सुनील धीमान के अनुसार उनके द्वारा तैयार की गई मूर्तियां देश के भिन्न-भिन्न हिस्सों में भेजी जाती है। इनके द्वारा तैयार की गई मूर्तियां हरियाणा के अलावा उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, हिमाचल, उत्तराखंड, पंजाब, छत्तीसगढ़, जम्मू दिल्ली में भेजी जाती है। जिनकी खूब सराहना होती है तथा लोग यहां आकर मूर्तिया बनाने के लिए देकर जाते है। सुनील ने बताया कि उन्होंने टोहाना में भी शहीदे आजम भगतसिंह, कुटिया शांत सरोवर के संत, मशहूर उद्योगपति नवीन जिंदल के पिता का स्टैच्यू भी बना सकते है। कलायत में सुनील द्वारा बनाई गई माता दूर्गा की मूर्ति देश की ऐसी पहली मूर्ति है जिसमें मां दुर्गा के दोनो तरफ मुंह दिखाए गए है।

खास बात ये है कि सुनील जब इस प्रतिमा को तैयार कर रहे थे तो लड़की वाले उनकी इसी कलाकारी के मुरीद हो गए तथा उनकी शादी भी वहीं तय कर दी। इसके बाद से सुनील के लिए वहां किया कार्य यादगार बन गया।

इस दौरान सुनील ने बताया कि कला को जिंदा रखने के लिए वह अब तक देश के 10 राज्यों का दौरा कर लोगों को आकृति बनाने की कला से जागरूक कर चुका है। सुनील का कहना है कि उसका सपना है कि विदेशों की तर्ज पर हरियाणा में सरकार के सहयोग से वैक्स स्टेच्यू का म्यूजियम बनाया जाए। सुनील के अनुसार उसके पिता से उसने काम सीखा तो अब उसका बेटा हितेश भी पढाई के साथ-साथ मूर्तिया बनाने का कार्य सीख रहा है ताकि पूर्वजों के कार्य को आगे बढ़ा सके।

सुनील धीमान ने नरवाना उपमंडल के गांव कालवन में मंदिर की मूर्तिया, धमतान में शहीदे आजम भगत सिंह की भव्य प्रतिमा, लोन में भगवान शिव व नंदी जी प्रतिमा, लोन में बनाया पितृ का मंदिर, नरवाना में 51 फुट उंची हनुमान जी विशाल प्रतिमा, टोहाना में पोले वाला कोठे गांव में शहीदे आजम की प्रतिमा, शहीद चौक पर 61 फुट उंची बनाई बाला जी हनुमान की प्रतिमा जिसमें उन्होंने सीना फाड़कर श्री राम व सीता माता के दर्शन करवाए गए है।

गांव धमतान के सरपंच जयपाल कहते है सुनील का नाम आस-पास में सुना तो मूर्ति सुनील से बनवाने का ही मन बना लिया। आज ये मूर्ति गांव के युवाओं को देशभक्ति के लिए प्रेरित करती है। गांव लोन के राममेहर नैन कहते है हमें गर्व है कि गांव हमारे गांव में जन्में मूर्तिकार का डंका आस-पास के राज्यों में बजता है। कलायत के राधेश्याम ने बताया कि सुनील धीमान की दुर्गा मंदिर में कारिगरी देखी तो उन्होने स्वर्गाश्रम में भगवान शिव की प्रतिमा को बनवाया।

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