हिसार

बिना खरीद सुनिश्चित किए समर्थन मूल्य बढ़ाना केवल बीजेपी का चुनावी जुमला- गंगवा

हिसार,
नलवा से विधायक रणबीर सिंह गंगवा ने कहा है कि बीजेपी सरकार स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करने का वादा कर सत्ता में आई थी, लेकिन इस रिपोर्ट को लागू करना तो दूर अब खरीफ फसलों के न्यूनतम मूल्य वृद्धि के नाम पर किसानों को बहकाने का काम कर रही है। बीजेपी की ओर से धान का जो समर्थन मूल्य बढ़ाया गया है, वह नाकाफी है। इससे किसानों को कोई राहत नहीं मिलेगी। वहीं जिन अन्य फसलों की कीमतें बढ़ायी गयी है, उनकी भी जब तक उनकी खरीद सुनिश्चित नही होगी, तब तक किसानों को कोई फायदा नही होगा।

विधायक गंगवा ने कहा कि हाल ही में सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4000 रुपये सुनिश्चित किया गया था। प्रदेश के कृषिमंत्री बताए कि कितनी सरसों का उत्पादन हुआ व कितनी खरीदी गई। जहां सरकार ने विधानसभा में वादा किया था कि वो किसान की सरसों की फसल का एक एक दाना खरीदने का काम करेंगे, लेकिन बमुश्किल 5 प्रतिशत ही सरसों की फसल की सरकारी खरीद हुई है और किसानों को मजबुरन अपनी फसल 3300-3400 बेचनी पड़ी। वही पिछले साल जहां बाजरा की फसल का समर्थन मूल्य 1450 था, सरकार कह रही है कि उसको 1950 करने का काम किया है, लेकिन पिछले साल किसानों से चार क्विंटल से ज्यादा एक किसान की बाजरे की फसल नहीं ली गयी।

इसी तरह सरसों की फसल पर भी 25 क्विंटल की शर्त सरकार ने लगाने का काम किया था। इसलिए जब तक किसान की फसल की उचित कीमत किसान को नही मिलेगी, तब तक सरकार किसान की आय में वृद्धि कैसे करेगी। विधायक गंगवा ने सवाल उठाया कि पिछले साल मूंग की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5225 रुपये निर्धारित था, लेकिन मूंग की फसल की सरकारी खरीद न होने के कारण किसान को मजबूर होकर 4000 रुपये में बेचनी पड़ी। इसलिए जब तक किसानों की फसल की सरकारी खरीद सुनिश्चित नही होगी, तब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने का कोई फायदा नहीं होगा। विधायक गंगवा ने कहा कि आज किसान इतनी मेहनत करके अपनी फसल पैदा करता है और जब वह अपनी फसल को बेचने मंडी में जाता है तो उसे लंबी लंबी लाइन में लगना पड़ता है।

इस पर भी किसानों से कभी फर्द गिरदावरी तो कभी आधार कार्ड या बैंक विवरण के कागज मांगें जाते है और कागज न होने की स्थिति में किसान को अपनी फसल वापस ले जानी पड़ती है। किसान कागज दे भी देता है तो भी उसकी फसल पूरी नहीं ली जाती है। कभी नमी के नाम पर तो कभी किसी अन्य बहानों से किसान की फसल नही खरीदी जाती। ऐसा करके सरकार किसानों को बेइज्जत करने का काम कर रही है।

विधायक गंगवा ने कहा कि फसलों की जब तक खरीद सुनिश्चित नहीं होगी, तब तक न तो किसान की आय दोगुनी होगी न ही किसानों को समर्थन मूल्य का फायदा मिलेगा। अब केवल चुनावी साल आने पर सरकार को किसानों की सुध आयी है, लेकिन समर्थन मूल्य को लेकर सरकार ने जो घोषणाएं की है, वे धरातल पर केवल जुमले ही साबित होंगे। उन्होंने कहा कि देश प्रदेश की जनता अब बीजेपी के जुमलोें को अच्छी तरह समझ चुकी है और बीजेपी को आने वाले विधानसभा व लोकसभा चुनावों में इन झूठे जुमलों का खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

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