हिसार,
स्कूली बच्चों से हुडा अधिकारियों को ज्ञापन दिलवाने की घोषणा के अनुरूप सेक्टरों के बच्चे शुक्रवार सुबह 9.30 बजे हुडा कार्यालय पहुंचे लेकिन इस दौरान हुडा अधिकारियों में तालमेल का अभाव व चौधर की लड़ाई स्पष्ट नजर आई। लगभग तीन घंटे इंतजार के बाद भी जब बच्चों से ज्ञापन नहीं लिया तो गर्मी की वजह से दो बच्चों को चक्कर आ गए, जिस पर गुस्साई सेक्टर की महिलाएं कार्यालय के चली गई। बाद में सेक्टरवासी भी उनके साथ आए, जहां उन्हें संपदा अधिकारी से यह सुनने को मिला कि ज्ञापन देने की बात हुडा प्रशासक से हुई थी, मुझे थोड़े ही ज्ञापन लेना है।
जी हां, ज्ञापन के लिए और वो भी स्कूली बच्चों से इंतजार करवाने, आपसी चौधर चमकाने का मामला आज सामने आया।
रेजीडेंट वेल्फेयर एसोसिएशन के प्रधान जितेन्द्र श्योराण ने बताया कि हुडा अधिकारियों का जनता की समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं है। पहले तो इन अधिकारियों ने अपनी कार्यप्रणाली से गलत इन्हासमेंट लगाकर सेक्टरवासियों को मारने का प्रयास किया और आज सुबह बच्चों की जान का दुश्मन बन बैठे, जब उनसे ज्ञापन नहीं लिया और इंतजार करते-करते दो बच्चों को चक्कर तक आ गए। प्रधान ने बताया कि तय कार्यक्रम के अनुसार हमें हुडा प्रशासक को ज्ञापन देना था और प्रशासक की तरफ से हमें सूचित किया गया था कि वे साढ़े 9 बजे आकर बच्चों से ज्ञापन ले लेंगे, ताकि बच्चे परेशान न हो। इसी के चलते सेक्टरवासी बच्चों सहित हुडा कार्यालय पहुंच गए।
पहले तो उन्हें कार्यालय कर्मचारियों ने बताया कि प्रशासक महोदय आने वाले हैं, सवा दस बजे कहा गया कि वे तो कहीं चले गए हैं, लेकिन संपदा अधिकारी आने वाले हैं, वो आपका ज्ञापन लेंगे। इंतजार करते-करते लगभग पौने 12 बजे संपदा अधिकारी आए और सीधे अपने कार्यालय में घुस गए। सेक्टरवासी इंतजार करते रहे कि उनके बच्चों से ज्ञापन लेने अधिकारी बाहर आएंगे। इसी दौरान दो बच्चों को गर्मी व उमस की वजह से चक्कर आ गया, जिन्हें बड़ी मुश्किल से संभाला। इस पर गुस्साए सेक्टरवासियों ने कहा कि यदि अब कोई अधिकारी ज्ञापन लेने बाहर नहीं आता है तो वे सब एकत्रित होकर कार्यालय में जाएंगे और ज्ञापन देंगे।
जितेन्द्र श्योराण ने कहा कि इस चेतावनी का भी हुडा के संपदा अधिकारी पर कोई असर नहीं हुआ तो बच्चों को चक्कर आने से गुस्साई सेक्टर की महिलाएं एकत्रित होकर संपदा अधिकारी के कार्यालय में चली गई और अधिकारियों की देरी पर नाराजगी जताई। सेक्टरवासी संपदा अधिकारी का यह जवाब सुनकर हैरान रह गये कि उन्हें तो प्रशासक को ज्ञापन देना था, दे दो, मैं उनका ज्ञापन कैसे ले सकता हूं। सेक्टरवासियों ने कहा कि फिर उन्हें कार्यालय की तरफ से यह क्यों कहा गया कि संपदा अधिकारी आ रहे हैं और उनका ज्ञापन लेंगे। काफी बहसबाजी के बाद बच्चों की तरफ से ज्ञापन लिया गया। सेक्टरवासियों ने हुडा अधिकारियों के गैर जिम्मेदार रवैये पर रोष जताया और कहा कि ज्ञापन के लिए कोई भी अधिकारी नामित किया जाता है तो वह ज्ञापन लेना अपनी जिम्मेवारी समझता है लेकिन आज अधिकारियों ने इस जिम्मेवारी से भागकर साबित कर दिया है कि वे कितने जिम्मेवार है।
उन्होंने सरकार से ऐसे अधिकारियों पर लगाम लगाने व उनका तबादला कहीं और करने की मांग की है। प्रधान जितेन्द्र श्योराण ने कहा कि जैसे-जैसे सरकार द्वारा निर्धारित छूट की समय सीमा की तिथि नजदीक आती जा रही है, उसको देखते हुए अपना भेद खुलने के भय से हुडा के अधिकारी बौखलाते जा रहे हैं, लेकिन सेक्टरवासी अपना संघर्ष जारी रखेंगे और ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों की पोल खोलकर दम लेंगे।
उधर, सेक्टरवासियों का हुडा कार्यालय के समक्ष धरना आज भी जारी रहा, जिसमें इन्हासमेंट की गणना के लिए दिन निश्चित करने की मांग प्रमुख रही। आज धरने को समर्थन देने के लिए रिटायर्ड कर्मचारी संघ हरियाणा के अध्यक्ष रामदास अरोड़ा व सह सचिव भीम सिंह पपनेजा भी पहुंचे और सहयोग का आश्वासन दिया। धरने के चलते मास्टर ययाति, दिव्यम, भव्यम, चिकसी, प्रांजल, यशिका, मितासी, परम, यस, तेजस, उर्वी, साक्षी, अयान, अरविंदर, रियांश, ओंकार, सुष्मिता, पूर्वी, एकांश, अंकिता, अक्षत, सात्विक, अर्णव, अवीन, रेयान, पारस, पहल, साक्षी, हैरी व पाविका इत्यादि काफी संख्या में बच्चों ने पहुंच कर एस्टेट ऑफिसर को 242 हस्ताक्षरयुक्त पत्र सौंपा। इस दौरान सैंकड़ों सेक्टरवासी उपस्थित रहे।