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टीवी-फ्रीज और वॉशिंग मशीन सहित 50 से ज्यादा सामानों पर टैक्स कम

नई दिल्ली,
केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की 28वीं बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। इस बैठक में काउंसिल ने सैनेटरी नैपकिन को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्‍स (GST) के दायरे से बाहर कर दिया है। सैनेटरी नैपकिन अब तक 12 फीसदी टैक्‍स स्‍लैब में शामिल था।

इसके अलावा झाडू़, स्‍टोन, मार्बल, राखी, लकड़ी की मूर्तियों को जीएसटी से बाहर रखा गया है। वहीं फॉस्‍फेरिक एसिड, हैंडलूम के अलावा 1000 रुपये तक के फुटवियर को 5 फीसदी के स्‍लैब में रखा गया है। बता दें कि पहले 500 रुपये तक के फुटवियर इस स्‍लैब में आते हैं।

इन सामानों पर 28% की जगह 18% टैक्स
टीवी (27 इंच तक), वॉशिंग मशीन, रिफ्रिजरेटर, विडियो गेम्स लिथियम आयन बैट्रीज, वैक्यूम क्लीनर, फूड ग्राइंडर, मिक्सर, स्टोरेज वॉटर हीटर, ड्रायर, पेंट, वॉटर कूलर, मिल्क कूलर, आइसक्रीम कूलर्स, परफ्यूम, टॉइलट स्प्रे को 28 फीसदी टैक्स स्लैब से हटाकर 18 फीसदी टैक्स स्लैब में लाया गया है।

इन आइटम्स पर 12 फीसदी टैक्स
वित्त मंत्री ने कहा कि हैंडबैग्स, जूलरी बॉक्स, पेटिंग के लिए लकड़ी के बॉक्स, आर्टवेयर ग्लास, हाथ से बने लैंप पर टैक्स घटाकर 12 फीसदी करने का फैसला किया गया है। बांस से बने सामनों से भी टैक्स 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी किया गया है। निर्माण क्षेत्र के काम आने वाले तराशे हुए कोटा पत्थर, सैंड स्टोन और इसी गुणवत्ता के अन्य स्थानीय पत्थरों पर जीएसटी की दर को 18 से घटाकर 12 प्रतिशत किया गया है।

5 फीसदी टैक्स
इथेनॉल पर भी टैक्स को 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया गया है। इससे चीनी उद्योग और किसानों को फायदा होगा। इसके अलावा 1000 रुपये तक के फुटवेयर पर अब 5 फीसदी टैक्स लगेगा, पहले यह राशि 500 रुपये थी। हैंडलूम की दरी पर टैक्स भी 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया गया है।

व्यापारियों को भी राहत
छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत देते हुए पीयूष गोयल ने कहा किपांच करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले तिमाही रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। इससे 93 प्रतिशत करदाताओं को फायदा होगा। रिटर्न फॉर्म्स को 2 आसान फॉर्मेट में लाया जाएगा। यह कंपोजिट डीलर्स और B2B या B2C डीलर्स के लिए अलग होगा। इन्हें दो आसान फॉर्मेट- सुगम और सहज में लाया जाएगा। असम, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम जैसे राज्यों में व्यापारियों के लिए छूट की सीमा को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि काउंसिल ने 46 संशोधन कि हैं जिन्हें संसद में पास कराया जाएगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि इन फैसलों से रेवेन्यू पर बहुत कम असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि टैक्स दरों में बदलाव की वजह से करीब 100 आइटम्स की कीमतों पर असर पड़ेगा। जीएसटी परिषद की अगली बैठक 4 अगस्त को होनी है।

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