आदमपुर (अग्रवाल)
आदमपुर क्षेत्र में इस समय वन्य जीवों पर खतरा मंडराया हुआ है। आलम यह है कि वीरवार और शुक्रवार को 4 मादा हिरणों की मौत हो चुकी है। इनमें से 3 गर्भवती हिरणों की मौत शिकारी कुत्तों के नोचने से हुई है।
शुक्रवार को गांव सदलपुर में किसान नरसी खिच्चड़ के खेत में शिकारी कुत्तों ने गर्भवती हिरण को घेर लिया और टूट पड़े। हिरण के रुदन की आवाज सुनकर खेत में काम कर रहे किसानों ने हिरण को कुत्तों के चंगुल से छुड़वाया और इसकी सूचना जीव रक्षा समिति के सदस्यों को दी। अखिल भारतीय जीव रक्षा समिति के प्रधान कृष्ण राड़ ने बताया कि गंभीरावस्था में हिरण को आदमपुर श्रीकृष्ण गौशाला में लेकर आए लेकिन शाम को हिरण ने दम तोड़ दिया।
इससे पहले गांव असरावां व मलापुर में गर्भवती हिरण और आदमपुर के भादरा रोड पर मादा हिरण की सडक़ हादसे में मौत हो गई। उन्होंने बताया कि गत दिवस पंचकुला में विभाग के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन सत्यभान से बात भी की थी और उन्होंने डी.एफ.ओ. को भेजने की बात कही थी लेकिन कोई नहीं आया। उपनिरीक्षक दिनेश जांगड़ा ने बताया कि वन्य जीवों के घायल होने का पता लगते ही वे तुरंत पहुंच जाते है।
शिकारी कुत्तों के पीछा करने पर गांव मोठसरा में काले हिरण की टांग टूट गई। जिसका उपचार विभाग की देखरेख में आदमपुर गौशाला में किया जा रहा है। समिति के जिला प्रधान कृष्ण राड़, विनोद खिलेरी व राजपाल खदाव ने बताया कि इस समय शिकारी कुत्तों का आंतक चरम है। जिले के अनेक समिति सदस्य सोमवार को जिला उपायुक्त से मिलकर ज्ञापन सौंपेंगे।