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TVS मोटर्स के चेयरमैन मूर्ति चोरी मामले में फंसे

चेन्नई,
मूर्ति चोरी मामले में टीवीएस मोटर कंपनी के चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन के पक्ष में केंद्रीय मंत्री पोन राधाकृष्णनन और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता मुत्तरासन के बयान के बाद उनको राजनीतिक मदद मिलने लगी है। श्रीनिवासन के खिलाफ मूर्ति चोरी मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है। केंद्रीय राज्यमंत्री पोन राधाकृष्णनन ने कहा कि आम जनता की धारणा है कि श्रीनिवासन ने मंदिर की बेहतरी और गरीबों की आजीविका पर अपने पैसे खर्च किए हैं। उन्होंने कहा कि अनेक भक्त चकित हैं कि श्रीनिवासन जैसे व्यक्ति पर आरोप लगाने का मतलब मंदिर की मूर्ति चोरी मामले में असली मुजरिम को मदद करना या जांच को गुमराह करना है।

उन्होंने इस बात की जांच करवाने की मांग की कि किसके इशारे पर एफआईआर में श्रीनिवासन का नाम दर्ज किया गया। मुतरासन ने कहा कि यह हैरान करने वाली बात है कि टीवीएस मोटर के प्रमुख को मंदिर की मूर्ति चोरी के मामले में आरोपी ठहराया जा रहा है। इससे पहले एमडीएमके के संस्थापक वाइको ने श्रीनिवासन का नाम एफआईआर से हटाने की मांग की थी।
इससे पहले तमिलनाडु पुलिस की प्रतिमा शाखा ने 10 अगस्‍त को मद्रास उच्च न्यायालय में हलफनामा दिया कि मूर्ति चोरी के मामले में वह टीवीएस मोटर्स के चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन को छह सप्ताह के लिए गिरफ्तार नहीं करेगी। मामला मूर्ति चोरी के मुकदमे की सुनवाई के लिए गठित न्यायमूर्ति आर महादेवन और न्यायमूर्ति पी डी ऑडिकेसवुलु की खंड पीठ के समक्ष आया। हलफनामे पर संज्ञान लेने के बाद पीठ ने मामले की सुनवाई छह सप्ताह के लिए स्थगित कर दी। मूर्ति चोरी मामले में अग्रिम जमानत के लिए श्रीनिवासन ने अदालत में अर्जी दी थी। अपनी अर्जी में श्रीनिवासन ने कहा कि उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की गंभीरता को देखते हुए वह जमानत की अर्जी दे रहे हैं।

श्रीनिवासन पर आरोप है कि उन्होंने श्रीकपालिश्वर मंदिर में रखी मोर की प्राचीन मूर्ति को हटाकर उसकी जगह दूसरी नई मूर्ति लगाई है। इस संबंध में एक श्रद्धालु रंगराजन नरसिम्हन ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। इस मामले में श्रीनिवासन ने खुद को बेकसूर बताया है। उन्होंने कहा कि वो इस मामले में निर्दोष हैं। मद्रास हाई कोर्ट में दी अपनी याचिका में उन्होंने बताया कि 2004 से अब तक उन्होंने अपने निजी फंड से श्रीकपालिश्वर मंदिर में करीब 70 लाख रुपये खर्च किए हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें सरकार द्वारा गठित टेंपल रिनोवेशन कमेटी का सदस्य बनाया गया था। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ माइलपुर पुलिस ने एक एफआईआर दर्ज की गई है और इसे जांच के लिए सीबी-सीआईडी को ट्रांसफर कर दिया गया है।

श्रीनिवासन का बचाव करते हुए हाल में रिजर्व बैंक के डायरेक्टर नियुक्त किए गए एस गुरुमूर्ति ने इन आरोपों को हास्यास्पद बताया है। उन्होंने कहा कि वेणु श्रीनिवासन ने पिछले कई वर्षों के दौरान मंदिर के रिनोवेशन के लिए 100 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए हैं और अपने सीएसआर कार्यों के जरिए 1000 से अधिक गांवों को मदद पहुंचाई है। यदि ऐसे ईमानदारी भरे कामों के लिए ये ईनाम दिया जाएगा, तो कोई भी भला आदमी मंदिरों की सहायता नहीं करेगा।

श्रीनिवासन का कहना है कि वो पूरी तरह निर्दोष हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें मंदिर की रिनोवेशन कमेटी का सदस्य बनाया गया था और इस कार्य के लिए उन्होंने मंदिर को दान दिया। वो भगवान शिव के भक्त हैं, इसलिए उन्होंने ये कार्य खुशी-खुशी किया। इसके अलावा उनका मंदिर से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने बताया कि तिरुचिराप्पल्ली में रंगनाथस्वामी मंदिर के ट्रस्टी के रूप में उन्होंने वहां 2015 में करीब 25 करोड़ रुपये खर्च किए। ऐसे में वो किसी मंदिर में मूर्ति की चोरी करने की बात सोच भी नहीं सकते हैं।

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