नई दिल्ली,
सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालतों से रेप के केस में दोषी करार दिए 2 भाइयों को बरी कर दिया। दोनों फरीदाबाद के हैं और इनमें से एक को 7 साल और दूसरे को 10 साल जेल में काटने के बाद बरी किया गया है। सालों तक जेल में बंद रहने के बाद इनमें से एक ने सुप्रीम कोर्ट में रिहाई के लिए अपील की थी। दोनों को ही फरीदाबाद के जिला और सत्र न्यायालय और पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने दोषी करार दिया था।
जस्टिस एन. वी रमाना और जस्टिस मोहन एम शांतानागोदार की बेंच ने दोनों को बरी करते हुए कहा कि इनके खिलाफ रेप के आरोप साबित नहीं किए जा सके। बेंच ने यह भी कहा, ‘आरोप पूरी तरह से साबित नहीं होने के बाद भी इनमें से एक जय सिंह ने पहले ही 7 साल की सजा जेल में काट ली है और दूसरे अपीलकर्ता शाम सिंह भी 10 साल की सजा में से 7 साल जेल में काट चुका है।’
सर्वोच्च अदालत ने शाम सिंह को तत्काल प्रभाव से बरी करने का आदेश दिया। हालांकि, बेंच ने जिंदगी के महत्वपूर्ण साल बिना गलती के जेल में काटने पर कोई टिप्पणी नहीं की। घटना 22 अगस्त 2001 की है जब एक नाबालिग ने अपने दोनों चाचा शाम सिंह और जय सिंह पर रात में घर से उठाकर रेप करने का आरोप लगाया था। दोनों आरोपी भाई हैं और नाबालिग ने आरोप लगाया था कि उसको खाट से बांधकर उनकी मां, बहन, पत्नी और बच्चों के सामने रेप किया था।