हिसार,
हरियाणा कर्मचारी महासंघ से सम्बंधित रोड़ वेज कर्मचारी युनियन के जिला प्रधान एवं रोडवेज तालमेल कमेटी के वरिष्ठ नेता राजपाल नैन ने प्रेस को जारी ब्यान में प्रदेश सरकार के मुखिया की भाषा पर प्रतिकिया व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार जिस तरह से मीडिया के माध्यम से लगातार 720 निजी बसें हर हाल में चलेगी जैसी बयानबाजी कर रही है कि इससे मुख्यमंत्री आग में घी डालने का काम कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार के मुखिया की नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वो इस तरह की सफल हड़ताल के बाद तालमेल कमेटी के नेताओं को बुलाकर उनका पक्ष सुने और समस्याओं का समाधान करे। उन्होंने इस बात का भी दावा किया है कि रोडवेज का कर्मचारी किसी भी सुरत में 720 प्राइवेट बसों को चलने नहीं देगा। जिला प्रधान ने आगे कहा जिन निजी बसों को चलाने के लिए सरकार द्वारा बार बार कर्मचारियो को बर्खास्त करने की धमकियों जैसी शब्दावली का प्रयोग किया जा रहा है उससे साबित होता है कि एक ईमानदार मुख्यमंत्री को भ्रष्ट ब्यूरोक्रेसी द्वारा हाईजैक कर लिया गया है।श् उन्होंने इस बात पर जोर देकर कहा कि सात दिनों की हड़ताल से गुजरने के बाद भी ऐसी कौन सी मज़बूरी है कि तालमेल कमेटी के साथ मुख्यमंत्री को बातचीत के लिए टेबल पर बैठाने से रोका जा रहा है। उन्होंने सरकार के अन्य कैबिनेट मंत्रियों से निवेदन किया है कि जिस तरह से रोडवेज की हड़ताल के कारण प्रदेश की जनता का हर वर्ग व कर्मचारी सड़कों पर सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी कर रहा है उससे सबक ले ओर इसमें हस्तक्षेप करके मुख्यमंत्री से बातचीत करे। उन्होंने एक बार फिर जोर देकर कहा कि रोडवेज का कर्मचारी हड़ताल पर जाना ही नहीं चाहता था, लेकिन सरकार की हठधर्मिता ने कर्मचारियों को हड़ताल के लिए मजबूर किया है।
राजपाल नैन ने कहा कि सरकार व अधिकारी जिस प्रकार से किलोमीटर स्कीम के तहत 720 प्राइवेट बसों को चलाने को लेकर उतारू हैं, उससे साफ है कि यह मामला काफी गंभीर है। सरकार पूंजीपतियों व अपने चहेतों के दबाव में है, जिसके चलते सरकार रोडवेज को निजी हाथों में सौंपने को बेकरार है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से सरकार रोडवेज व अन्य विभागों का निजीकरण कर रही है, उससे आने वाले समय में सरकारी नौकरी युवाओं के लिए केवल सपना बनकर रह जाएगी।
जिला प्रधान ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर में जिस प्रकार से युवाओं का शोषण होता है, यह सभी जानते हैं। उन्होंने कहा कि यदि सरकार जनता के हितों को परे रखकर निजीकरण करना चाहती है तो आम जनता भी चुप नहीं बैठेगी और इसका खामियाजा आने वाले समय में भाजपा को भुगतना पड़ेगा। सरकारी रोजगार खत्म करने के लिए भाजपा को आगामी चुनावों में प्रदेश की जनता को जवाब देना होगा।