बहादुरगढ़,
हरियाणा रोडवेज कर्मचारी यूनियन के नेता अब तक किलोमीटर बस स्कीम में घोटाला का दावा करते आ रहे थे लेकिन इसका कोई प्रुफ जनता के सामने वे नहीं लेकर आए। अब पूर्व विधायक एसोसिएशन के अध्यक्ष नफे सिंह राठी का दावा है कि स्कीम में हुए घोटाले के प्रुफ उनके पास है। उनका कहना है कि किलोमीटर स्कीम को लकार सरकार ने केवल घोटाला किया है। उनका कहना है कि प्राईवेट बसों पर औसतन 53 रुपए 37 पैसे प्रति किलोमीटक का खर्च अाएगा। ऱाठी का कहना है किलोवेस्ट रेट टेंडर भरने वाले बिडर को टेंडर देने की बजाय सरकार ने हाईएस्ट बीड भरने वाले को टेंडर दिया गया। ताकि घोटाला करने में अासानी रहे।
उन्होंने गुड़गांव में पांच बसों का टेंडर भरने वाले जगदीश का चेक दिखाया, जिसमें उसने 31 रुपए 70 पैसे प्रति किलोमीटर के हिसाब से टेंडर भरा था। लेकिन सरकार ने उसे कोई टेंडर नहीं दिया लेकिन सरकार ने संजीव कुमार को टेंडर दिया, जिसमें 37 रुपए 10 पैसे प्रति किलोमीटर के हिसाब से रेट भरा गया था। सीधे ही 5 रुपए 40 पैसे की बढ़ोतरी। राठी का दावा है कि सरकार ने अपने चहेतों को मंहगे रेट पर टेंडर दिलाने के लिए एेसा किया है। हालांकि सरकार दावा करती है कि उन्हें रोडवेज के परिचालन में 48 रुपए का खर्च अाएगा जबकि असल खर्चा इससे भी कम है।
उनका कहना है कि प्राइवेट बसों को प्रति किलोमीटर स्कीम के तहत औसतन 37 रुपए 30 पैसे के हिसाब से टेंडर दिया गया है, जिसमें 37 रुपए 30 पैसे में कंडक्टर सैलरी के लिए 5 रुपए 80 पैसे प्रति किलोमीटर, मैनेजमेंट एक्सपेंडिचर के लिए 2 रुपए 27 पैसे और टैक्स व परमिट फीस अादि के लिए 8 रुपए प्रति किलोमीटर और दिए जाने हैं। एेसे में एक प्राइवेट बस पर सरकार को 53 रुपए 37 पैसे प्रति किलोमीटर का खर्च अाएगा। उनका कहना है कि सरकार प्रति किलोमीटर स्कीम को रद्द करें और इस घौटाले की पूरी तरह से जांच होनी चाहिए।