हिसार,
एडज्यूडिकेटिंग ऑफिसर कम अतिरिक्त उपायुक्त अमरजीत सिंह मान ने खाद्य पदार्थों की बिक्री के दो मामलों में फैसला सुनाते हुए मिरिंडा नामक कोल्ड ड्रिंक के निर्माता पर 2 लाख रुपये, इसके विक्रेता पर 10 हजार रुपये तथा हांसी के एक खोया विक्रेता पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
दरअसल, मिलावटी व कम गुणवत्ता की खाद्य वस्तुओं के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने हांसी बस स्टैंड के सामने नवीन केसरवानी के इजी डिपार्टमेंटल स्टोर से फूड सेफ्टी एक्ट 2006 के तहत मिरिंडा कोल्ड ड्रिंक के सैंपल लिए थे। सैंपल को जांच के लिए चंडीगढ़ स्थित खाद्य विशेरषक लैब में भेजा गया था। लैब से प्राप्त जांच रिपोर्ट में बताया गया कि सैंपल में अम्ल युक्त कृत्रिम रंग मौजूद पाया गया है जिसका कोई उल्लेख सैंपल के लेबल पर अंकित नहीं किया गया था।
एडीसी एएस मान की अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान विक्रेता नवीन केसरवानी के वकील देशमेश श्योराण ने बताया कि विक्रेता जिस वस्तु की बिक्री कर रहा था वह उसके द्वारा तैयार नहीं की गई है और उसमें किसी प्रकार के छेड़छाड़ भी उसके द्वारा नहीं की गई है। इसलिए इस मामले में वस्तु के निर्माता ही दोषी हो सकते हैं। इस पर निर्माता कंपनी वरुण बेवरेजिज, ग्रेटर नोएडा की ओर से एडवोकेट गुलशन बब्बर ने कहा कि सैंपल के दौरान पूरी प्रक्रिया का अनुसरण नहीं किया गया, इसलिए उसने इस मामले में निर्माता को राहत देने का अनुरोध किया।
इसके पश्चात एडीसी मान ने 19 नवंबर 2018 को दोनों पार्टियों को व्यक्तिगत रूप से तलब करते हुए उनके पक्ष को जाना। सुनवाई के उपरांत उन्होंने पाया कि कोल्ड ड्रिंक निर्माता कंपनी पेय पदार्थ में शामिल तत्वों का विवरण लेबल पर देने में पूरी तरह से विफल रही। प्रसिद्घ ब्रांड होने के बावजूद वह नियमों की अनुपालना नहीं कर रही। इसे जनता का विश्वास तोडऩे के साथ-साथ रेगुलेशन ऑफ पैकिंग एंड लेबलिंग-2011 के उल्लंघन का मामला मानते हुए एडज्यूडिकेटिंग ऑफिसर कम एडीसी एएस मान ने कोल्ड ड्रिंक कंपनी पर 2 लाख रुपये तथा विक्रेता पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
एक अन्य मामले में, हांसी के दिल्ली गेट पर विनोद कुमार द्वारा संचालित अग्रवाल मिष्ठान भंडार से खोया के सैंपल लिए गए थे। इसे भी जांच के लिए चंडीगढ़ स्थित लैब में भेजा गया था। जांच में पाया गया कि खोया बनाने में निर्धारित मानकों की अनुपालना नहीं की गई। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड रेगुलेंशंस 2011 के अनुसार खोया में मिल्क फैट की मात्रा कम से कम 30 प्रतिशत होनी अनिवार्य है जबकि इस सैंपल में यह मात्रा 26.2 प्रतिशत पाई गई।
अतिरिक्त उपायुक्त के सामने मामले की सुनवाई के दौरान मिष्ठान भंडार के संचालक विनोद कुमार ने बताया कि उसे विभाग द्वारा सैंपल की पुन: जांच के अवसर हेतु कोई नोटिस नहीं भिजवाया गया। लेकिन दस्तावेजों से इस बात की पुष्टि हो गई कि आरोपी को नोटिस भिजवाते हुए इसके लिए पर्याप्त अवसर उपलब्ध करवाया गया था। इसके बाद अतिरिक्त उपायुक्त ने 15 नवंबर 2018 को दोनों पार्टियों को व्यक्तिगत सुनवाई के लिए बुलाया जिसके आधार पर निर्धारित मानकों से कम गुणवत्ता का खोया बनाने व बेचने के आरोप में उन्होंने विनोद कुमार पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।