राजस्थान

स्मार्ट फोन ने बढ़ा दी उम्मीदवारों की टेंशन—देखें नेताओं के बिगड़े बोल

जयपुर,
राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए 7 दिसंबर को होने वाले मतदान से पहले प्रचार अभियान अपने चरम पर है। इस दौरान तमाम नेताओं ने ऐसे बयान दिए जो उनके लिए परेशानी का सबब बन गए। क्योंकि हाथ में स्मार्ट फोन लिए मतदाताओं ने उनके वीडियो बना लिए और यह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इनमें कई मामलों में चुनाव आयोग कार्रवाई भी कर रहा है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सीपी जोशी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जाति पर उठाए गए सवाल की ही बात करें तो इस बयान के बाद उन्हें सार्वजनिक तौर पर माफी भी मांगनी पड़ी और पार्टी ने उन्हें फटकार भी लगाई। पीएम मोदी ने भी उनके बयान को लपकते हुए अपनी रैलियों में प्रमुखता से उठाया,जिसकी वजह से पार्टी की किरकिरी हुई।

इसी तरह कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव जुबेर खान की पत्नी और रामगढ़ सीट से पार्टी उम्मीदवार साफिया खान के बयान को ही लें तो उन्होंने प्रचार के दौरान कहा, ‘साम, दाम, दंड, भेद कुछ भी प्रयोग करिए लेकिन जीत सुनिश्चित करिए। अगर आपको किसी का सिर भी तोड़ना पड़े तब भी जीत सुनिश्चित करिए।’

बीजेपी के किशनगढ़बास विधानसभा से विधायक रामहेत यादव ने एक रैली में कहा कि, ‘अवैध खानों में चलने वाले ट्रैक्टर, ट्रॉली सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार नहीं चल सकते। लेकिन फिर भी यह बिना चेकिंग चलते हैं। क्योंकि रामहेत विधायक हैं, इसलिए आप हमारा ख्याल रखें।’

इस बीच चित्तौड़गढ़ के निम्बाहेड़ा सीट से बीजेपी उम्मीदवार श्रीचंद कृपलानी ने मतदाताओं से विचित्र अपील करते हुए कहा, ‘मुझे वोट दें और जिताएं, नहीं तो मैं खुदकुशी कर लूंगा।’ कृपलानी के प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस उम्मीदवार उदयलाल अंजना भी यह बयान देकर फंस गए कि, ‘मैं वोट के लिए एक के बदले दस का रेट देने के लिए तैयार हूं। यदि आपको कोई 1000 रुपये देता है तो मैं 10000 दूंगा, अगर कोई 10000 रुपये देगा तो मैं 1 लाख रुपये दूंगा।’

इस तरह से सारे बयान सोशल मीडिया पर वायरल हुए और फिर मुख्यधारा की मीडिया ने इन्हें उठा लिया। चुनाव आयोग ने भी इस तरह के बयानों के वायरल होने के बाद संज्ञान लेते हुए सीपी जोशी , श्रीचंद कृपलानी और यहां तक कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को विपक्ष के नेताओं का कॉलर पकड़ने वाले बयान के लिए नोटिस थमा दिया है।

जीवन आधार पत्रिका यानि एक जगह सभी जानकारी..व्यक्तिगत विकास के साथ—साथ पारिवारिक सुरक्षा गारंटी और मासिक आमदनी और नौकरी भी..अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करे।

Related posts

जेके लोन अस्पताल : बच्चों की मरने की संख्या 102 तक पहुंची, बच्चों की मौत पर राजनीति हुई आरंभ

Jeewan Aadhar Editor Desk

प्रदीप स्वामी समेत 4 की हत्या की इनसाइड स्टोरी, बंशी की मारपीट से शुरु हुआ था गैंगवार

भादरा विधानसभा में कामरेड का जादू चला, 23 हजार वोट से जीता चुनाव

Jeewan Aadhar Editor Desk